Bareilly UP : बरेली जिले में आवारा पशुओं की समस्या अब सिर्फ परेशानी नहीं, बल्कि सीधा ‘मौत का कारण’ बन चुकी है।
बरेली जिले में आवारा पशुओं की समस्या अब सिर्फ परेशानी नहीं, बल्कि सीधा ‘मौत का कारण’ बन चुकी है। मंगलवार को नवाबगंज कस्बे में एक दर्दनाक हादसे में भाजपा विधायक डॉ. एमपी आर्य के बेहद करीबी सर्राफा कारोबारी ब्रजपाल गंगवार की जान एक सांड ने ले ली।
65 वर्षीय ब्रजपाल रोज की तरह अपने काम पर जा रहे थे। बिजोरिया रोड पर स्थित महाराज लॉन के पास अचानक एक आवारा सांड ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि ब्रजपाल गाड़ी से उछलकर दूर जा गिरे और सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण मौके पर ही अचेत हो गए।
स्थानीय लोग उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अब सवाल बड़ा है: जब मंत्री का इलाका ही असुरक्षित है, तो बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा?
इस घटना ने उत्तर प्रदेश सरकार और खासकर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह की कार्यशैली पर सवालों की बौछार कर दी है। यह हादसा उन्हीं के गृहजनपद बरेली में हुआ, जहां पशुधन विभाग की ज़िम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है।
आम जनता से लेकर अब नेताओं तक सबकी जान खतरे में है लोग पूछ रहे हैं:
अगर बरेली में पशुधन मंत्री के रहते आवारा पशु सड़कों पर जान ले रहे हैं,
तो क्या बाकी जिलों में हालात और भी बदतर नहीं होंगे?
क्या आवारा पशु अब प्रदेश में ‘साइलेंट किलर’ बन चुके हैं?
MBBS कर रहे बेटे पर टूटा दुखों का पहाड़, परिवार सदमे में
ब्रजपाल गंगवार का परिवार इस घटना के बाद पूरी तरह टूट चुका है। उनकी पत्नी, बेटा-बेटियां और रिश्तेदार गहरे सदमे में हैं।
परिवार के करीबी लोगों ने बताया कि
चार बच्चों में से तीन की शादी हो चुकी थी
सबसे छोटा बेटा अमित आगरा में एमबीबीएस कर रहा है
जैसे ही उसे हादसे की खबर मिली, वह तुरंत घर लौट आया
घर में मातम पसरा है, मोहल्ले में सन्नाटा है, और सड़कों पर सवाल हैंलेकिन जवाब देने कोई नहीं आ रहा।
भाजपा विधायक डॉ. एमपी आर्य ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा,दुख की घड़ी मे हम परिवार वालो के साथ है हर संभव मदद करेंगे.
“ब्रजपाल मेरे परिवार जैसे थे। यह घटना मेरी आत्मा को झकझोर देने वाली है। क्षेत्र में आवारा पशुओं की समस्या विकराल होती जा रही है। अब इसे प्रशासन नजरअंदाज नहीं कर सकता।”
हालांकि यह बात भी लोगों के गले नहीं उतर रही। जनता का कहना है कि नेता हर बार दुख जताते हैं, लेकिन जमीनी कार्रवाई होती नहीं।
लचर व्यवस्था, ढोंगी घोषणाएं और चुप बैठा प्रशासन
राज्य सरकार ने पहले भी दावा किया था कि:सभी आवारा पशुओं के लिए गौशालाएं बनाई जा रही हैं नगर पालिकाओं को फंड दिया जा रहा है
पशुओं को पकड़ने के लिए स्पेशल टीमें बन रही हैं मगर हकीकत?
ज़्यादातर गौशालाएं कागज़ों में नगर निकाय बजट का इस्तेमाल नहीं कर रहे स्थानीय प्रशासन आवारा पशुओं की शिकायत को टालता है
इस लापरवाही का खामियाजा आम आदमी अपनी जान देकर चुका रहा है। जनता का सवाल: “क्या अब सड़क पर चलना भी सुरक्षित नहीं?”
स्थानीय लोगों में भयंकर गुस्सा है। घटना के बाद सैकड़ों लोग ब्रजपाल के घर पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी की। कुछ का कहना था “जनता मरे, व्यापारी मरे, मासूम घायल हों, और नेता केवल ‘शोक’ प्रकट करते रहें — क्या यही है रामराज्य?”
बरैली से रोहिताश कुमार की रिपोर्ट