UK News- श्री अर्जुन मुंडा ने आज़ादी का अमृत महोत्सव और उत्तराखंड स्थापना सप्ताह के तहत उत्तराखंड आदिवासी महोत्सव का उद्घाटन किया !

उत्तराखंड(मोहम्मद शीराज़ ख़ान)- जनजातीय मामलों के मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने 11 नवंबर 2021 को देहरादून, उत्तराखंड में 3 दिवसीय उत्तराखंड जनजातीय महोत्सव का उद्घाटन किया।

उत्तराखंड जनजातीय महोत्सव देश भर में मनाए जा रहे आज़ादी का अमृत महोत्सव के उत्सव का हिस्सा है और 15 से 22 नवंबर, 2021 तक अमृत महोत्सव के सप्ताह भर चलने वाले समारोहों से पहले आयोजित किए जाने वाले पर्दा उठाने वाले कार्यक्रमों में से एक है।

अमृत महोत्सव के विषय में कला, हस्तशिल्प और उत्तराखंड की जनजातियों के भोजन जैसे जौनसारी, थारू, बोक्सा, भोटिया और राजी से एक के रूप में जन-भागीदारी, राज्य-आदिवासी अनुसंधान सह-सांस्कृतिक केंद्र और संग्रहालय (टीआरआई) ने जनजातीय मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से समृद्ध परंपराओं, संस्कृति को बढ़ावा देने और प्रदर्शित करने के लिए संयुक्त रूप से उत्सव का आयोजन किया है।

जनसंपर्क के केंद्रीय मंत्री श्री अरुण मुंडा और उत्तराखंड के महाप्रबंधक श्री अरुण मुंडा और उत्तराखंड के श्री अरुण मुंडा ने 11 नवंबर 2021 को देहरादून में, उत्तराखंड में 3 जन जाति का खतरनाक क्षेत्र। केताओं में शामिल होने के लिए महत्वपूर्ण तिथियां एक माह के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। अमृत ​​के विषय में कला, हस्तशिल्प और उत्तराखंड की डिसीस के आइटम जैसे जौनसारी, थारू, बोटिया, भोटिया और राजी राजी एक से रूप में-भागीदार, राज्य-आदिशहर सह-सांस्कृतिक केंद्र और (टीआरआई) ने जनवादी सकारात्मकता के साथ भारत सरकार के समर्थन से जनसमुदाय, सार्वजनिक रूप से प्रकाशित होने के साथ-साथ व्हाट्सएप का भी सदस्य बन जाएगा।

इस अवसर पर श. मुंडा ने आदिवासी समुदाय के समग्र विकास के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को स्वीकार किया। उन्होंने 15 नवंबर 2021 को “जनजाति गौरव दिवस” ​​घोषित करने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। श्री मुंडा ने आदिवासी समुदायों के विकास की दिशा में उत्तराखंड सरकार के प्रयासों को बधाई और सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री की 2 ईएमआरएस, स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक संग्रहालय और आदिवासी छात्रों के लिए 5000 टैबलेट की स्थापना की मांगों को पूरा करने का वादा किया !

उन्होंने उत्‍तराखंड के नागरिकों और उत्‍तराखंड के जनजातीय समुदाय को उत्‍सव के आयोजन और उत्‍साह के साथ इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्‍यवाद दिया। श्री मुंडा ने इस अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो एक स्वतंत्रता सेनानी थे और “जल, जंगल और जमीन” के लिए लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

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