राजीव नगर स्थित शेल्टर होम के संचालक चिरंतन कुमार को क्यों और किससे है जान का खतरा

आज कोर्ट में पेशी के दौरान चितरंजन कुमार और मनीषा दयाल ने पत्रकारों से अपनी नजरें छुपाते हुए नजर आये। वही जब पत्रकारों ने चिरंतन कुमार से बात करनी चाहिए तो उसने साफ कहा ऐसी कोई बात नहीं है हमें फंसाया जा रहा है और हमें जान से मारने की धमकी मिल रही है । मेरी जान को खतरा है ।

आखिर चिरंतन कुमार को किससे उसकी जान को खतरा है ? पत्रकारों द्वारा बार-बार पूछे जाने पर चिरंतन कुमार ने कहा कि कई नेता और कई अधिकारी उसकी जान के पीछे पड़े हैं ? अब सबसे बड़ी बात यहां यह उठती है की जब तक चिरंतन कुमार जेल के बाहर थे ,तब तक उनकी जान को खतरा नहीं था।

लेकिन जैसे ही वह जेल के अंदर गए तो उनकी जान को खतरा हो गया। और अगर जान से खतरा भी है तो उन मंत्रियों और उन अधिकारियों का नाम बताएं , जिनसे आपकी जान को खतरा है । वही आपको बताते चलें कि इस मामले को लेकर जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खान ने सोमवार की शाम इस पूरे केस का रिव्यू किया था।

रिव्यू मीटिंग में एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी सेंट्रल अमरकेश दारपीनेनी, डीएसपी लॉ एंड आॅर्डर और केस के इंवेस्टिगेशन आॅफिसर थे. जोनल आईजी ने केस के सुपरविजन का जिम्मा सिटी एसपी सेंट्रल को दिया है।इन्हें जल्द से जल्द हर पहलू पर जांच कर डिटेल सुपरविजन रिपोर्ट देने को कहा है। अब तक इस केस की जांच राजीव नगर थाने के सब इंस्पेक्टर आरएन शर्मा कर रहे थे।

लेकिन जोनल आईजी के निर्देश के बाद एसएसपी मनु ने डुमरा थाना के सर्किल इंस्पेक्टर ललन कुमार को केस का नया इंवेस्टिगेशन आॅफिसर बनाया है। इनकी मदद के लिए एसआई और एएसआई को भी साथ में लगाया गया है। बड़ी बात ये है कि जोनल आईजी के निर्देश पर चिरंतन और मनीषा दयाल को 3 दिनों की पुलिस रिमांड पर लेने की कवायद शुरू कर दी गई है।रिमांड पर लेने के बाद हर प्वाइंट पर दोनों से गहन पूछताछ होगी। बनारसी के मामले पर इनसे पूछा जाएगा। फिलहाल दोनों को पुलिस कस्टडी में जेल भेजा गया।

 

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