नव नियुक्त लोकपाल के समक्ष राफेल और सहारा बिरला डायरी घोटाले की जांच के लिए शिकायत करेगी आम आदमी पार्टी
*5 साल बीतने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दबाव में मोदी सरकार द्वारा लोकपाल की नियुक्ति करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए शर्म की बात : गोपाल राय*
नई दिल्ली 18 मार्च 2019 सोमवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार के 5 साल पूरे होने के बाद अंतिम समय में देश के महानतम प्रधानमंत्री ने देश को पहला लोकपाल देने की बात सोची यह देश की जनता के लिए खुशी की बात है कि अब भ्रष्टाचार पर निष्पक्षता से कार्रवाई हो सकेगी परंतु उससे बड़ा भाजपा की मंशा पर प्रश्न चिन्ह है कि आखिर चौकीदार को 5 साल तक लोकपाल बनाने से डर क्यों लग रहा था?
न खाऊंगा न खाने दूंगा के नारे के साथ देश की सत्ता में आई भाजपा सरकार को आचार संहिता लागू हो जाने के बाद और चुनाव से संबंधित पहले चरण का नोटिफिकेशन जारी किया।
देश में लोकपाल बिल लागू करने के लिए अन्ना जी के नेतृत्व में जो आंदोलन हुआ उसके बाद तात्कालिक सरकार ने सदन में सर्व सहमति से लोकपाल बिल पास करने की बात ताकि परंतु बाद में कांग्रेस ने देश की जनता को धोखा दिया और उसका नतीजा यह हुआ कि जनता ने कांग्रेस को देश की सत्ता से जड़ से उखाड़ कर फेंक दिया।
जनता ने भाजपा को यह सोच कर ही देश की सत्ता में बैठाया था, कि नई सरकार आएगी और लोकपाल बिल पास होगा, और देश को एक लोकपाल मिलेगा, जो भ्रष्टाचार पर निष्पक्षता से कार्यवाही करेगा, और देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएगा। परंतु भाजपा सरकार ने भी देश की जनता के साथ धोखा किया। पिछले 5 साल से देश की जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया। आज जब अंततोगत्वा सुप्रीम कोर्ट के दबाव के बाद मोदी जी को लोकपाल की नियुक्ति करनी पड़ी, तो यह नियुक्ति भाजपा सरकार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि पिछले 5 साल के कार्यकाल में भाजपा सरकार एवं मोदी जी के लिए सबसे शर्मनाक घटना है।
मोदी जी के लिए यह कोई नई बात नहीं है। जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर भी मोदी जी का रवैया ऐसा ही नकारात्मक रहा था। इन सब तथ्यों को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं मोदी जी को लोकपाल से डर लगता है। परंतु आज सुप्रीम कोर्ट के दबाव में मजबूरन मोदी जी को लोकपाल की नियुक्ति करनी पड़ी है।
केंद्र के लोकपाल के संबंध में ही नहीं बल्कि जब हमारी सरकार दिल्ली में बनी तो 6 महीने के अंदर हमने जन लोकपाल बिल कानून दिल्ली विधानसभा में पास करके केंद्र सरकार को भेजा परंतु आज तक उस कानून को पास करने के लिए केंद्र सरकार ने हमारे उस लोकपाल बिल पर मोहर नहीं लगाई है।
भाजपा का नारा तो था कि न खाऊंगा न खाने दूंगा परंतु सत्ता में आने के बाद भाजपा का नारा हो गया किनार लोकपाल बनाऊंगा ना बनाने दूंगा।
सुप्रीम कोर्ट के दबाव में ही सही परंतु देश में लोकपाल की नियुक्ति तो हुई। अब आम आदमी पार्टी ने यह तय किया है कि राफेल संबंधी घोटाला और सहारा बिरला डायरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य जिन भी नेताओं के नाम उस घोटाले में हैं इन दोनों ही घोटालों की शिकायत लोकपाल के समक्ष दर्ज कराएंगे। ताकि निष्पक्षता के साथ इन दोनों ही घोटालों की जांच हो सके, और भाजपा का जो असली चरित्र है वह देश की जनता के सामने बेनकाब हो।
हमें पूरी आशा है कि इतने संघर्ष के बाद देश को जो लोकपाल मिला है, वह पूरी निष्पक्षता के साथ काम करेंगे और देश की जनता को भ्रष्ट नेताओं एवं भ्रष्ट राजनीतिक पार्टियों के भ्रष्टाचार से मुक्त कराने का काम करेंगे।