रालोसपा में अल्पसंख्यक का कोई कदर नही होता था-अजहरुल हक उर्फ चुन्ने खान

रोहतास- राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अजहरुल हक उर्फ चुन्ने खान ने बीते पिछले शुक्रवार को रालोसपा पार्टी छोड़कर जदयू का दामन थाम लिया।

उन्होंने जदयू के नेता भगवान सिंह कुशवाहा के साथ प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की मौजूदगी में सैकड़ों समर्थकों के साथ जदयू की सदस्यता ग्रहण की। जदयू में शामिल होने पर जदयू नेताओं ने अजहरुल हक उर्फ चुन्ने खान का स्वागत भी किया है। जदयू में शामिल होने के बाद अजहरुल हक उर्फ चुन्ने खान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में विकास की रेखा खींची है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार में चहुंओर विकास हुआ है। उनकी हाथ और मजबूत करने के लिए उन्होने जदयू में शामिल होने का निर्णय किया। नीतीश कुमार ने राम मंदिर मुद्दे पर भी कोर्ट का फैसला मानने की बात कही है। नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यको को कहा है कि उनके कब्रिस्तान की घेराबंदी, अल्पसंख्यक को प्रोत्साहन राशि, सांप्रदायिक के मामले में कोई दुभाव नही करेंगे। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी छोड़े जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि रालोसपा पार्टी में कभी भी अल्पसंख्यक का कदर नही किया गया। उपेंद्र कुशवाहा ने शिक्षा की मांग को लेकर कभी अल्पसंख्यकविद का फोटो नही लगाया। जबकि शिक्षा के क्षेत्र में डॉ०अबुल कलाम का बहुत बड़ा योगदान रहा है। ऐसी स्थिति में उनके साथ रहना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि रालोसपा में असली और नकली की लड़ाई अभी चल रही है। इसके बाद हम विकास के रास्ते पर चलनेवाले नीतीश कुमार के साथ आ गये। रालोसपा में रहते हुए उन्होंने आवाज बुलंद की। लेकिन, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से वह खुश नहीं थे। इसके बाद उन्होंने जदयू में शामिल होने का निर्णय लिया। उनके साथ प्रदेश महासचिव(अल्पसंख्यक) परवेज आलम, जिला अध्यक्ष डॉ०नौशाद आलम, हैदर अली, मफफूज आलम, डॉ०मिन्हाज, शमीम मंसूरी आदि लोग शामिल थे।

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