एकल भगवान चित्रगुप्त का मन्दिर “श्री चित्रगुप्त धाम’ है बरेली में!
श्री चित्रगुप्त सेवा न्यास’ द्वारा सामाजिक कार्य भी होते है बिना भेदभाव — निर्भय सक्सेना — बरेली। उत्तर भारत के प्रथम आधुनिक एकल भगवान चित्रगुप्त का मन्दिर “श्री चित्रगुप्त धाम” अब भव्य स्वरूप ले चुका है। जहाँ समय समय पर धार्मिक कार्यक्रम होते ही रहते हैं। आजकल कोविड-19 के चलते अब केवल दैनिक पूजन मात्र ही हो रहा है। ‘श्री चित्रगुप्त सेवा न्यास’ द्वारा मंदिर के समीपवर्ती एरिया में सामाजिक कार्य भी बिना किसी भेदभाव के किये जाते हैं।
बरेली – दिल्ली राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर बरेली की मीरगंज तहसील के ग्राम- मकरंदपुर ठाकुरान में मुख्य मार्ग पर टोल प्लाजा के निकट स्थित ‘श्री चित्रगुप्त धाम’ 1938 वर्ग मीटर एरिया में बना हुआ है। जिस पर चित्रगुप्त मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन 22 अक्टूबर 2010 को हुआ था। इस मन्दिर में एकल भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापना, प्राण प्रतिष्ठा एवं समर्पण 16 दिसंबर 2018 में श्री चित्रगुप्त सेवा न्यास (रजिस्टर्ड) बरेली द्वारा किया गया था। वर्तमान में “श्री चित्रगुप्त धाम” परिसर में हरे भरे वृक्षों एवं लाॅन के बीच में भगवान चित्रगुप्त जी का सुन्दर भव्य मंदिर स्थित है जिसमें एकल भगवान चित्रगुप्त जी की मूर्ति विराजमान हैं। मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं हेतु बैंच, विश्राम कक्ष, भोजन कक्ष, रसोई, प्रसाद घर, पीने का स्वच्छ जल प्याऊ, शौचालय आदि का निर्माण कराया जा चुका है। परिसर में अभी ओर विस्तार, निर्माण तथा सौंदर्यीकरण के कार्य कराए जाने हैं।
इस संबंध में भगवान चित्रगुप्त मंदिर की पृष्ठभूमि, उद्देश्य, संकल्प एवं निर्माण के बारे में मन्दिर के संस्थापकों में सम्मिलित डा. शिव कुमार ने बताया कि जब में राजकीय सेवा में होने के कारण देश के विभिन्न स्थानों पर अपनी पत्नी श्रीमती अनुपम सक्सेना के साथ रहता था। तभी मेरे मन में भगवान चित्रगुप्त की प्रेरणा से विचार उत्पन्न हुआ कि भगवान चित्रगुप्त जी, जो ब्रह्म के अंश से उत्पन्न होकर सृष्टि के सभी जीवों के धर्म का निर्धारण करते हैं और जीवन के अन्त के पश्चात प्राणियों द्वारा किये गये कार्यों के अनुसार उनका अंतिम न्याय करते हुए मोक्ष, स्वर्ग अथवा पुनर्जन्म प्रदान करते हैं, साथ ही जिन्होंने मानव जाति को लेखन व पढ़ने का ज्ञान प्रदान किया है, की पूजा – अर्चना एवं सम्मान धर्म, जाति, वर्ग, समाज, सम्प्रदाय आदि से इतर सभी जन-मानस द्वारा की जानी चाहिए।
डा. शिव कुमार ने सबसे पहले यह विचार अपनी पत्नी श्रीमती अनुपम सक्सेना से साझा किया। दोनों ने भगवान चित्रगुप्त तथा अन्य इष्टदेवों से प्रार्थना की कि हम कोई ऐसा कार्य कर सकें जिससे आम जन मानस में भगवान चित्रगुप्त जी के विषय में सही जानकारी पहुंच सके तथा भगवान चित्रगुप्त जी सभी के पूज्य हों।
कुछ समय बाद चिन्तन में एकाएक भगवान ने आदेश दिया कि भगवान चित्रगुप्त जी का एक ऐसा भव्य मंदिर बनना चाहिए जहां कोई भी व्यक्ति बेरोकटोक जाकर भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना कर सके। चिन्तन में यह पाया गया कि इस प्रकार का भव्य भगवान चित्रगुप्त जी का मंदिर “श्री चित्रगुप्त धाम” राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बरेली – मुरादाबाद के आसपास बनना ठीक ही होगा।
इसी पृष्ठभूमि में डा. शिव कुमार, जो उस समय अलीगढ़ में पदस्थ थे, तथा उनकी पत्नी श्रीमती अनुपम सक्सेना ने सर्वप्रथम 01 जनवरी 2009 को उपरोक्तानुसार भगवान चित्रगुप्त जी मन्दिर “श्री चित्रगुप्त धाम” बनाने का संकल्प लिया। इन्हीं दोनों ने दि
14 जनवरी 2009 को पत्र लिखकर अपने सभी परिवारजनों, मित्रों, सहयोगी साथियों तथा भगवान चित्रगुप्त जी से जुड़ी संस्थाओं के सदस्यों से इस कार्य हेतु समर्थन एवं सहयोग करने का अनुरोध किया था । कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों से समाज के विभिन्न धर्मों, जाति एवं वर्गों के लोगों ने “श्री चित्रगुप्त धाम” के निर्माण में सहयोग करने का संकल्प लिया। इन्हीं श्रद्धालुओं भक्तजनों में से अतिसमर्पित 14 श्रद्धालु भक्तजनों ने स्वेच्छा से “श्री चित्रगुप्त सेवा न्यास” का गठन किया जिसका रजिस्टर्ड कार्यालय 5-8/3 किप्स एन्कलेव, इज्जतनगर, बरेली में बनाया गया । श्री एम डी सक्सेना केसर बाग, लखनऊ निवासी को न्यास का संस्थापक अध्यक्ष तथा डा. शिव कुमार को श्री चित्रगुप्त सेवा न्यास के संस्थापक सचिव बनाया गया । इसी न्यास द्वारा ही जनसहयोग तथा श्रध्दालु भक्तजनों से प्राप्त दान से माह मई 2010 में भूमि क्रय कर मन्दिर निर्माण कार्य पूरा किया गया। वर्तमान में “श्री चित्रगुप्त धाम” परिसर में हरे भरे वृक्षों एवं लाॅन के बीच में भगवान चित्रगुप्त जी का सुन्दर भव्य मंदिर स्थित है। ‘श्री चित्रगुप्त सेवा न्यास’ द्वारा सामाजिक कार्य भी बिना किसी भेदभाव के किये जाते हैं जिसमे
ग्रामीण क्षेत्रों में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए बरेली के एकमात्र राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, फतेहगंज पश्चिमी बरेली को अंगीकृत कर छात्राओं की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जाता है। मन्दिर के आसपास के ग्रामीणों हेतु सीतापुर नेत्र चिकित्सालय के सहयोग से नेत्र परीक्षण शिविर का आयोजन कर उपचार उपलब्ध कराया जाता है।
सर्दियों में जरुरतमंदों के लिए कंबल तथा गर्म कपड़ो की व्यवस्था कर वितरण होता है। दैविक आपदाओं के दौरान सहायता कोष में दान देना,
राहगीरों हेतु प्याऊ का निर्माण एवं संचालन भी किया जाता है।
श्री शिव कुमार ने बताया कि
श्री चित्रगुप्त धाम” की सदस्यता के लिए ऐसा कोई भी दानदाता जिसने न्यास के कोष में न्यूनतम 2100 जमा किए हों तथा जो भगवान चित्रगुप्त जी में पूर्ण श्रध्दा रखते हुए “श्री चित्रगुप्त धाम” के विकास एवं प्रचार प्रसार में सहयोग करने का संकल्प लेता है, को न्यास के सभी सदस्यों की सहमति प्राप्त होने के बाद “श्री चित्रगुप्त धाम” का सदस्य बनाया जा सकता है।
मन्दिर भगवान चित्रगुप्त जी के मंदिर “श्री चित्रगुप्त धाम” के सभी निर्माण कार्य, व्यवस्था, संचालन, विकास, सौंदर्यीकरण, धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम आदि उसके सदस्यों, भक्तजनों, श्रध्दालुओं एवं अन्य दानदाताओं द्वारा दिए गए दान तथा सहयोग से ही किया जाता है। भारतवर्ष में कोई भी व्यक्ति कहीं से भी अपना दान /सहयोग की धनराशि मन्दिर ट्रस्ट के ‘श्री चित्रगुप्त सेवा न्यास’ नाम से भारतीय स्टेट बैंक के खाता नम्बर – 30882427977,
IFSC – SBIN0009020 में जमा कर सकता है। साथ ही एम डी सक्सेना, (अध्यक्ष) मोबाइल 9415010146 तथा डा. शिव कुमार, (सचिव) से मोबाइल नंबर 8475059846 पर सम्पर्क कर सकता है। निर्भय सक्सेना, पत्रकार। बरेली मोबाइल 9411005249 7060205249
चित्र गुप्त भगवान के मंदिर में ट्रस्टी शिव कुमार, कायस्थ चेतना मंच, बरेली के अध्यक्ष संजय सक्सेना, निर्भय सक्सेना एवम अन्य
बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !