रूस – पुतिन ने किया कमाल,चौथी बार फिर राष्ट्रपति पद की लेंगे शपथ

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रूस की जनता ने भारी मतदान के साथ ब्लादिमीर पुतिन को एक बार फिर देश की कमान सौपतें हुए, चौथी बार राष्ट्रपति बना दिया है। रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग के मुताबिक रविवार (18 मार्च) को हुए राष्ट्रपति चुनाव में पड़े वोटों की 70 फीसदी गिनती पूरी हो गई है । इसमें पुतिन को 75.9 फीसदी वोट मिले हैं।

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रूसी राष्ट्रपति की जीत के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई संदेश भेजा. जानकारी के मुताबिक, शी ने अपने संदेश में कहा कि हाल के कुछ वर्षों में रूसी लोग एकजुट होकर देश को सशक्त करने के मार्ग पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं और आर्थिक एवं सामाजिक विकास का लक्ष्य हासिल कर रहे हैं. इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय मामलों में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, शी ने विश्वास जताया कि रूस राष्ट्रीय विकास में नए कीर्तिमानों का सृजन करेगा।

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जीत के बाद पुतिन ने अपने प्रशंसकों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें इस जीत का भरोसा था, क्योंकि उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में भी विश्वास मत हासिल कर लिया था। उन्हें साल 2012 से भी ज्यादा वोट इस चुनाव में मिले हैं। रूस की जनता ने पुतिन को ही अगले 6 सालों के लिए राष्ट्रपति चुना है। अब वह 2024 तक इस पद पर रहेंगे।

गौरतलब है कि रूस में हो रहा यह चुनाव शुरू से ही एकतरफा ही माना जा रहा था क्योंकि कोई भी कद्दावर नेता पुतिन के खिलाफ नहीं लड़ रहा था। पुतिन के खिलाफ 7 उम्मीदवार थे। लेकिन उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी अलेक्सेई नवलनी को कानूनी कारणों को लेकर रोक दिया गया है। इस तरह चुनाव नतीजों को लेकर थोड़ा भी संदेह नहीं है।

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लेकिन इस बीच पुतिन के विरोधियों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने अधिक मतदान कराने के लिए दबाव डाला। सरकारी कर्मचारियों से कहा गया कि अपने बॉस को रिपोर्ट करें कि उन्होंने मतदान किया। कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को मतदान पेटी के सामने मोबाइल से फोटो खींचते देखा गया। पूछने पर उन्होंने बताया कि बॉस के लिए फोटोग्राफिक रिपोर्ट है। विरोधी नेता येवजेनी रोइजमैन ने कहा कि देश के पूरे मतदान केंद्रों पर झुंड लगा दिया। यह अपमानजनक है, हम भेड़ नहीं हैं। इसके अलावा मतदान केंद्रों पर स्टॉल लगाए गए जहां कम कीमत पर सामान बेचे गए। गौरतलब है कि कुछ पर्यवेक्षकों के मुताबिक, मतदान कम होने से पुतिन के लिए मुश्किल होता।

 

रूस में प्रत्यक्ष मतदान के जरिए राष्ट्रपति का चुनाव होता है। मतदान दो चरणों में होता है। पहले चरण में किसी उम्मीदवार को बहुमत हासिल नहीं होने पर दूसरे चरण का मतदान होता है। दूसरे चरण के मतदान में पहले चरण के दो शीषर्ष उम्मीदवार मैदान में उतरते हैं। पहले चरण के मतदान के बाद दूसरे चरण की आवश्यकता हुई तो अगले महीने चुनाव करवाया जा सकता है। इस तरह काम करती है सरकार रूस में राष्ट्रपति के पास वास्तविक शक्तियां होती हैं। वह देश का सबसे ताकतवर व्यक्ति होता है। इसके बाद दूसरे स्थान पर प्रधानमंत्री और तीसरे स्थान पर फेडरल काउंसिल (ऊपरी सदन) के अध्यक्ष होते हैं। रूस में भारत की तरह ही संसद की कार्यवाही होती है। वहां फेडरल असेंबली होती है। साथ ही दो सदन फेडरल काउंसिल और स्टेट ड्यूमा होता है।

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