आखिर जाएं तो कहाँ जाएँ फुटकर दुकानदार

फेडरेशन ऑफ रिटेलर असोसिएशन ऑफ इंडिया ने आज पुनः रोजाना इस्तेमाल वाली विभिन्न वस्तुएँ जैसे, ब्रेड, अंडा, जूस, सॉफ्ट ड्रिंक, आदि बेचने जाने वाले उत्पादों पर पाबंदी लगाने तथा दुकानों के अंदर विज्ञापन नियंत्रण करने के कदम पर अपनी चिंता व्यक्त की। इस कदम से हजारों गरीब खुदरा दुकानदार गंभीर रूप से उत्पीड़ित होंगे।

जहाँ एक ओर उनकी कारोबार करने की लागत बेहद बढ़ जाएगी वही उनकी आय कम हो जाएगी ।सरकार के इस कदम से हजारों गरीबो के एक वक्त का जो भोजन नसीब होता था, ऐसा लगता है कि अब उसपर भी आफ़त आ जाएगी ।

अखिर ये गरीब जाए तो कहा जाए? एफआरएआई ने मनानीय मुख्यमंत्री से 4 लाख से ज्यादा सूक्ष्म खुदरा दुकानदार के हितों की रक्षा के लिए सरकार से अपील की है। जो लोग कई उत्पाद बेचकर बड़ी मुश्किल से परिवार को चाला पाते थे किन्तु अब विदेशी वित पोषित एजेंसी भ्रमित जानकरी वाला अभियान चलाकर सरकार पर छोटे दुकानदारों के हितों के खिलाफ नीति बना रही है। संघ के अध्यक्ष श्री मुकेश ने कहा कि तंबाकू उत्पादों के साथ ही साथ रोज़ाना इस्तेमाल वाली विभिन्न वस्तुओं पर रोक लगाने से व्यापार करने की लागत बढ़ेगी और प्रशाशन द्वारा हफ्ता वसूली पर भी लगाम लग सकेगा।

लेकिन सरकार के ऐसे कदम से न सिर्फ भ्रष्टाचार की नीव पड़ेगी अपितु यह समाज के गरीब तबके के लोगो के जीवन पर विपरीत प्रभाव भी डालेगा। सरकार के इस कदम के बाद खुदरा दुकानदार ऐसे उत्पादों की बिक्री का विकल्प चुनेंगे जिससे उन्हे ज्यादा आय हो, अगर यही स्थिति रही तो यह गरीब लोगों को अवैध गतिविधि की ओर ले जाने का कारण बन सकती है, जिससे समाज भ्रष्ट और विवेकहीन हो जाएगा।परिस्थिति उन्हें ऐसे अपराधी तत्वो से सौदा करने पर मजबूर कर देगा जो हमारे देश के लिए हितकर नहीं है।

आगे चलकर यह देश के लिए बहुत बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। घर देखना होगा कि इस मुद्दे पर सरकार क्या करती है।

राजेश कुमार के साथ हैप्पी कुमार की रिपोर्ट

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