PIB : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) द्वारा पंचायती राज मंत्रालय के अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए कार्यान्वित संवैधानिक सुरक्षा, कल्याण एवं विकास योजनाओं की समीक्षा

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) ने पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) के सहयोग से 16 जून, 2025 को नई दिल्ली में अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की रक्षा व उनके कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तमाम गतिविधियों का मूल्यांकन करने के लिए एक समीक्षा बैठक आयोजित की, जिसमें पेसा (1996) के कार्यान्वयन पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।

विचार-विमर्श में निधि आवंटन, अनुसूचित जनजाति घटक (एसटीसी) की निगरानी और सहभागितापूर्ण योजना के माध्यम से जमीनी स्तर पर शासन में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक में एनसीएसटी के अध्यक्ष श्री अंतर सिंह आर्य, एनसीएसटी के सदस्य श्री निरुपम चकमा, श्रीमती (डॉ) आशा लाकड़ा और श्री जतोथु हुसैन ने भाग लिया; उनके साथ एनसीएसटी के सचिव श्री पुनीत कुमार गोयल तथा एनसीएसटी के संयुक्त सचिव श्री अमित निर्मल भी उपस्थित थे। पंचायती राज मंत्रालय का प्रतिनिधित्व सचिव श्री विवेक भारद्वाज, संयुक्त सचिव (वित्तीय एवं नीति प्रभाग) सुश्री मुक्ता शेखर, आर्थिक सलाहकार डॉ. बिजय कुमार बेहरा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।

पंचायती राज मंत्रालय ने हाल की गतिविधियों का उल्लेख किया, जिनमें अमरकंटक स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (आईजीएनटीयू) में प्रस्तावित उत्कृष्टता केंद्र, एक विशिष्ट उद्देश्यपरक पेसा पोर्टल का निर्माण, पेसा प्रावधानों के तहत ग्राम पंचायत विकास योजनाएं कार्यन्वित करना और सात पेसा विषयों पर आधारित प्रशिक्षण मैनुअल तैयार करना, जनजातीय गौरव दिवस पर विशेष ग्राम सभा को आयोजित करना, क्षेत्रीय व राष्ट्रीय कार्यशाला/लेखन कार्यशाला का आयोजन, सफलता की गाथाओं का संकलन, पंचायती राज मंत्रालय में पेसा सेल का निर्माण तथा सात पेसा विषयों पर राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण देना शामिल है।

एनसीएसटी ने जनजातीय विकास कार्यों की निगरानी एवं मूल्यांकन करने के अपने अधिदेश का जिक्र किया और जनजातीय स्वशासन को सक्षम बनाने में पेसा की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया तथा जनजातीय समुदायों के बीच पेसा के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। एनसीएसटी सदस्यों ने राज्य स्तर पर क्षमता निर्माण, क्षेत्रीय भाषाओं में सफलता की गाथाओं के प्रचार-प्रसार और पेसा नियमों की अधिसूचना के लिए ओडिशा तथा झारखंड के साथ अनुवर्ती कार्रवाई पर जोर दिया।

इस बैठक ने विचारों का आदान-प्रदान करने, प्रगति की समीक्षा करने और अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध संस्थाओं के बीच समन्वय को विस्तार देने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि संवैधानिक तथा कानूनी सुरक्षा उपाय जमीनी स्तर पर सार्थक परिणामों में परिवर्तित हो सकें। बैठक अनुसूचित क्षेत्रों में संस्थागत सुदृढ़ीकरण और समावेशी शासन के प्रति पांचवीं साझा प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुई।

ब्यूरो चीफ, रिजुल अग्रवाल

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