Pahalgam Terror Attack : सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, पाकिस्तान निर्वासित होने के कगार पर परिवार,
पाकिस्तान निर्वासित होने के कगार पर पहुंचे एक परिवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिकारियों को परिवार के दस्तावेज जांचने और कोई फैसला लेने तक परिवार को पाकिस्तान निर्वासित न करने का निर्देश दिया है।
जम्मू कश्मीर के छह लोगों को एक परिवार पर निर्वासन की तलवार लटक रही है। छह सदस्यों का ये परिवार कथित तौर पर वीजा की अवधि निकल जाने के बाद भी भारत में रुका हुआ है। वहीं परिवार का कहना है कि उनके पास भारत में रहने के वैध दस्तावेज हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय जाने की छूट दी सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सभी दस्तावेजों की जांच करें। अदालत ने दस्तावेजों की वैधता पर जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया है। हालांकि इसकी कोई समयसीमा तय नहीं की है।
अदालत ने फैसला लिए जाने तक याचिकाकर्ता परिवार के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का भी निर्देश दिया है। जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता दस्तावेजों की जांच से संतुष्ट नहीं होते हैं तो वे जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में भी अपील कर सकते हैं।
पीओके से भारत के कश्मीर पहुंचा परिवार याचिकाकर्ता अहमद तारेक बट्ट का परिवार भारत के जम्मू कश्मीर में रहता है और परिवार के दो बेटे बंगलूरू में नौकरी करते हैं। यह परिवार साल 1987 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से जम्मू कश्मीर पहुंचा था। पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसमें 26 बेगुनाह लोगों की निर्मम हत्या के बाद सरकार ने भारत से पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित करना शुरू कर दिया है। इसी के बाद परिवार के पांच सदस्यों को हिरासत में लिया गया है।