नेहरू युवा केंद्र सम्बद्ध युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यक्रम तहसील बार एसोसिएशन सभागार में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक धर्मपाल सिंह ने कहा कि देश की संपदा धन दौलत नहीं है बल्कि धरती है और नदियां हैं

प्रदेश के 75 जिलों में कई नदियों के स्थान ही विलुप्त हो चुके हैं और नदियां विलुप्त हो चुकी हैं कई देश पानी के संकट से गुजर रहे हैं, उन्होंने कहा कि हम अपनी दो पीढ़ियों का जल पी चुके हैं आने वाला जल संकट को लेकर जल संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है अपने नल व टंकी खुले न छोड़े, गांव-गांव में तालाब पाट दिए गए हैं और इमारत बना ली गई है

पार्क भी नहीं रहे, जल को बर्बाद होने से रोका जाना अति आवश्यक है। इस संकट को देखते हुए उन्होंने पीलिया नदी के इतिहास को विस्तार से समझाया बताया कि गांव के तालाब नदियों से जुड़ते हैं और नदियां गंगा में मिल जाती हैं और गंगा समुद्र में मिल जाती है।

इसी कारण तालाबों को पाटना नहीं चाहिए तालाबों मे जल होने से वाटर लेवल ऊपर रहता है और उन्होंने इस दौरान पुरुष और प्रकृति की बड़ी ही सुंदर परिभाषा दी और कहा कि सावधान होने की आवश्यकता है इस दौरान उन्होंने लीलोर झील का भी सुंदर रूप से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जहां जल है वहां शिव है और जहां शिव है वहां कल्याण है जल के बिना जीवन नहीं है उन्होंने जल बचाने का संकल्प लेने को कहा।

इस दौरान नेहरू युवा केंद्र की जिला युवा अधिकारी डॉल्बी तेवतिया और भाजपा के डॉक्टर के पी सिंह, रामनिवास मौर्य और उषा सतीजा ने भी अपने अपने विचार रखे। इस अवसर पर जल बचाने के लिए सभी को शपथ दिलाई गई और नेहरू युवा केंद्र की ओर से जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यक्रम के कलैंडर का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में पीलिया नदी की खुदाई के दौरान पूरे समय अपना श्रमदान करने वाले रामनिवास मौर्य, उषा सतीजा, मनोज मौर्य, रणवीर यादव, श्रीपाल लोधी, डॉ के पी सिंह, सुरेश पांडे, और प्रमोद चतुर्वेदी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान बार अध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा एडवोकेट, बार महासचिव नेमचंद सिंह राणा एडवोकेट, बीना रस्तोगी, मनोज मौर्य, मीना मौर्य सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संतोष पांडे ने किया।

 

आंवला (बरेली) से गौरव खंडूजा/रागिब खान  की रिपोर्ट !

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