फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में हुई ‘पराशक्ति-रिडिफाइनिंग स्पेस’ की शुरूआत

फिल्म और टीवी इंडस्ट्री को महिलाओं के लिए असुरक्षित माना गया है और हाल ही में मीटू कैंपेन इसकी जीती जागती मिसाल है, लेकिन तस्वीर का एक दूसरा पहलू यह भी है
कि इसी इंडस्ट्री में अब कुछ जागरूक लोग महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने के प्रयासों में जुटे हैं जिनमें रेशमा एच सिंह का नाम उल्लेखनीय है जिन्होंने इंद्रेश कुमार के मार्गदर्शन में ‘पराशक्ति-रिडिफाइनिंग स्पेस’ की शुरूआत हुई है जिसका उद्देश्य सभी महिलाओं के जीवन में बदलाव लाना है, खासकर फिल्म और टीवी उद्योग के असुरक्षित सेगमेंट में।
    इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, नेशनलिस्ट लीडर इंद्रेश कुमार ने कहा कि ड्रग्स शरीर को तोड़ते हैं लेकिन हमें महिलाओं के साथ भेदभाव करने और ड्रग्स पर भी चर्चा करने की ज़रूरत है जो मन को नशे की ओर ले जाते हैं। अपने प्रेरणात्मक भाषण में, उन्होंने न केवल महिलाओं, बल्कि सभी पुरुषों को एक साथ आने और औरतों के साथ अन्याय और शोषण के विरुद्ध लड़ने का आग्रह किया।
    इस कार्यक्रम में बोलते हुए श्रीमती रेशमा एच सिंह ने कहा कि यदि आप कोई दर्द झेल रही एक महिला हैं, अगर आप पीड़ित हैं, यदि आप कमजोर और भेदभाव महसूस करती हैं, तो पराशक्ति वह मंच है जहां आपकी आवाज सुनी जाएगी, आपके साथ न्याय होगा। महिलाओं को एक मजबूत स्टैंड लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के अन्याय का सामना आपको सबसे पहले खुद करना होगा क्योंकि आपके अंदर वह शक्ति है, चाहे आप इसे जानती हों या नहीं। एक स्त्री के माध्यम से सभी प्रकार की जीवन ऊर्जा और सृष्टि का प्रवाह होता है। आप इस ब्रह्मांड को भरने वाले शक्ति हैं।  इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मिशन शक्ति की प्रस्तुति थी, जो भारत का ए-सैट कार्यक्रम है, जिसके प्रोजेक्ट डायरेक्टर और डीआरडीओ के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ वाई श्रीनिवास राव हैं। उन्होंने सीमाओं और अंतरिक्ष की रक्षा करने और दुनिया के लिए हमारी क्षमताओं का प्रदर्शन करने की तात्कालिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम हमेशा से एक वैज्ञानिक सभ्यता रहे हैं और आज हम फिर से दुनिया में उस परम स्थान को हासिल करने की राह पर हैं। मिशन शक्ति केवल शुरुआत है। यह भारत की जागृत महिला भावना की तरह है।
—अनिल बेदाग—

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