Mumbai : संयुक्त परिवार की महिमा दर्शाती है ‘प्यार हो परिवार में’- केयूरी शाह

बॉलीवुड में इन दिनों पारिवारिक रिश्तों को तार-तार करती फिल्में बन रही हैं। वहीं, पिछले दिनों ऐसी फिल्म देखने को मिली जो पारिवारिक रिश्तों के अहमियत को समझती है।
पिछले भायंदर के मैक्सस थिएटर में फिल्म ‘प्यार हो परिवार में’ रिलीज हुई जिसे देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। सब यही कह रहे थे कि काफी समय के बाद ऐसी फिल्म देखने को मिली है। जो काफी भावुक कर देती है।
फिल्म ‘प्यार हो परिवार में’ की कहानी ऐसी है कि जिसमें दिखाया गया है कि परिवार में कितने भी मतभेद क्यों न हों, अगर उन्हें प्यार से सुलझा लिया जाए और अतीत को भुलाकर प्यार से रहा जाए तो घर स्वर्ग से भी ज्यादा खूबसूरत हो जाता है।
संयुक्त परिवार की महिमा को दर्शाने वाली इस फिल्म का परिवार माता-पिता, तीन बेटों, एक बहू और एक बेटी के साथ खुशी से रहता था। भले ही परिवार एकजुट हो, फिर भी ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं कि कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वह घोंसला जहां पारिवारिक एकता और प्रेमपूर्ण रिश्तों की चर्चा होती थी, बिखरने लगा।
फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे पत्नियों का प्रभाव भाईचारे के बंधन में तनाव पैदा कर सकता है, पारिवारिक संबंध टूटने पर कैसे पछतावा होता है और एक मां की भूमिका, जो गलत इरादों के साथ, कलह पैदा कर सकती है और रिश्तों को तोड़ सकती है।
फिल्म ‘प्यार हो परिवार में” एक परिवार की भावनात्मक यात्रा के बारे में है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे मेल-मिलाप और प्यार सबसे गहरे घावों को भी ठीक कर सकता है। जीवन की सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए एक साथ आने के महत्व पर जोर देता है।
इस फिल्म का निर्माण कवि युवराज जैन ने किया है। फिल्म की कहानी, डायलॉग और गाने भी युवराज जैन ने लिखे हैं। श्रवण जैन और उषा जैन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में युगराज जैन ने अभिनय भी किया है।
मशहूर गुजराती, मराठी और हिंदी फिल्मों की एक्ट्रेस केयूरी शाह की इस फिल्म में काफी अहम भूमिका है।फिल्म के बाकी कलाकारों में वासुदेव सिंह, सचेंद्र चौबे, कुंदन सिंह, उषा जैन, वनिष्का जैन, निधि मुद्गल, जयवंत पाटेकर, छाया जोशी और गजेंद्र चौहान की मुख्य भूमिकाएं हैं।
इस फिल्म लेकर अभिनेत्री केयूरी शाह काफी उत्साहित नजर आईं। उन्होंने कहा कि यह फिल्म पारिवारिक रिश्तों के अहमियत को समझाती है। मुझे खुशी है कि मुझे ऐसी बेहतरीन फिल्म में काम करने का मौका मिला है। इसके लिए मैं निर्माता कवि युवराज जैन, निर्देशक श्रवण जैन और उषा जैन को धन्यवाद देती हूं।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

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