Mumbai : कोक स्टूडियो भारत ने पेश किया तीसरा गाना ‘पंजाब वेख के’

मुंबई (अनिल बेदाग): विभिन्‍न संगीत शैलियों के संगम को समर्पित लोकप्रिय मंच कोक स्‍टूडियो भारत ने अपने तीसरे सीजन का तीसरा गाना ‘पंजाब वेख के’ लॉन्‍च किया है। जस्‍सा ढिल्‍लन, गुलाब सिद्धू, रागिंदर और थियाराज एक्सटीटी की दमदार आवाजों से सजे इस गाने में पंजाब की मिट्टी की खुशबू और उसकी जीवंत रूह बसती है। यह गीत उस पंजाब को समर्पित है, जिसकी भावना हमेशा अदम्‍य रही है-गौरव से भरा, अपनी पहचान में अटल और हर दौर में जुझारू।
‘पंजाब वेख के’ उन आम लोगों को समर्पित है, जिनके जीवन में पंजाब की परंपराएं, गर्व और लोक-जीवन की सादगी झलकती है। यह गीत संस्‍कृति, समुदाय और पहचान की खूबसूरती को काव्यात्मक अंदाज़ में बयां करता है। परंपरा और आधुनिक अभिव्यक्ति के बीच एक पुल की तरह यह गीत अपनी मिट्टी से जुड़ी गर्व की भावना को सम्‍मान के साथ पेश करता है।
पंजाब की धरती, जहाँ गेहूं की बालियाँ प्रेम में लहराती हैं और हवा में सौहार्द्र की खुशबू होती है-वहीं की छवि यह गीत पेश करता है। लोकसंगीत और आधुनिक धुनों के मेल से तैयार यह गीत भावनाओं, साहस और विनम्रता से भरपूर है। गीत के बोल उस धरती की कहानी कहते हैं, जिसकी मिट्टी में शौर्य रचा-बसा है और जहाँ की फिजा उम्‍मीद और भाईचारे की गूंज से भरपूर है।
यह गीत केवल पंजाब की भावना को नहीं, बल्कि वहां की उस सोच को भी सलाम करता है, जो न केवल बराबरी को अपनाती है, बल्कि इंसानियत को सबसे ऊपर रखती है—ऐसे रिश्ते बनाती है जो जात-पात, हैसियत और डर से परे होते हैं।
‘पंजाब वेख के’ का संगीत भी खास है—जिसमें तुम्बी की प्रेरणा से निकली धुनें, गहरे परकशन बीट्स और धारदार बोल शामिल हैं। कोक स्‍टूडियो भारत के इस गीत में जड़ों से जुड़ाव और आधुनिक ऊर्जा का अद्भुत संगम नजर आता है।
कोका-कोला इंडिया के आईएमएक्स लीड शांतनु गंगाने ने कहा, “कोक स्टूडियो भारत का यह सीजन परंपरा और आधुनिकता के संगम को समर्पित है। इसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत को आज की धुनों में ढालने की कोशिश की गई है। इस ट्रैक के ज़रिए हम पंजाब की आत्मा को महसूस करते हैं—एक ऐसा प्रदेश जो हमेशा से ताक़त, जज़्बे और कहानियों से भरा रहा है। गुलाब सिद्धू, जस्‍सा ढिल्लन, रागिंदर और थियाराज एक्सटीटी जैसे कलाकारों को मंच देकर हम नई आवाज़ों को अपनी विरासत को नए अंदाज़ में पेश करने का अवसर दे रहे हैं। यह नई पीढ़ी से गहराई से जुड़ने का एक अनूठा तरीका है।”
जस्‍सा ढिल्लन ने कहा, “कोक स्टूडियो भारत का हिस्सा बनना मेरे लिए बड़े गर्व की बात है। यह ऐसा मंच है जो क्षेत्रीय आवाज़ों को पूरे देश में पहुंचाता है। ‘पंजाब वेख के’ हमारे दिल से निकला है—यह बेझिझक पंजाबी अंदाज़ में है, जिसमें हर ताल और हर बोल हमारी पहचान को दर्शाता है।”
गुलाब सिद्धू ने कहा, “अपनी मिट्टी के बारे में गाना हमेशा मेरे दिल के करीब होता है। ‘पंजाब वेख के’ के ज़रिए मुझे कुछ बेहद प्रतिभाशाली कलाकारों के साथ जुड़ने का मौका मिला। कोक स्टूडियो भारत हमारी जड़ों को वैश्विक मंच पर ले जाने में मदद कर रहा है, और इसका महत्व बहुत बड़ा है।”
रागिंदर ने कहा, “कोक स्टूडियो भारत का हिस्सा बनना मेरे लिए रचनात्मक रूप से बेहद संतोषजनक अनुभव रहा। ऐसा मंच मिलना दुर्लभ है जो परंपरा को सांस लेने देता है और साथ ही संगीत को आगे भी ले जाता है।”
थियाराज एक्सटीटी ने कहा, “यह केवल संगीत बनाने का अनुभव नहीं था, बल्कि एक समुदाय और एक भावना को अभिव्यक्त करने की ज़िम्मेदारी थी। कोक स्टूडियो भारत ने हमें यह जिम्मेदारी सही रूप में निभाने का मौका दिया, जो हमारे लिए सचमुच सौभाग्य की बात है।”
जैसे-जैसे कोक स्टूडियो भारत का तीसरा सीजन आगे बढ़ रहा है, हम उम्मीद कर सकते हैं कि यह और भी ऐसी कहानियां लेकर आएगा जो दिलों को जोड़ेंगी—जहाँ आवाज़ें, क्षेत्र और पीढ़ियाँ एक साथ एक समृद्ध और निरंतर विकसित हो रहे संगीत संसार में मिलेंगी।
कोक स्‍टूडियो भारत सीजन 3 के साथ हम ऐसी कई कहानियों की उम्‍मीद कर सकते हैं, जो लगाव पैदा करें। और आवाजों, क्षेत्रों तथा पीढि़यों को एक रोचक एवं विकसित हो रहे संगीत के परिदृश्‍य में साथ लेकर आएं।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

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