Mumbai : पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर मंगेशकर परिवार की ओर से एक अनोखा उपहार
मुंबई (अनिल बेदाग) : माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर, दीनानाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान ने एक असाधारण संगीत कार्यक्रम “विश्वशांति दुत – वसुधैव कुटुंबकम” प्रस्तुत किया।
मोदी ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के सिद्धांत में विश्वास करते हैं यानी पूरी दुनिया एक परिवार है ब्रह्माण्ड को एक मानने की उनकी अभिव्यक्ति असाधारण है उनकी अभिव्यक्ति को दिव्य स्वरों एवं काव्य छंदों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
वसुधैव कुटुंबकम सभी देशों और नागरिकों को सभी सीमाओं के पार शांति के मार्ग पर एकजुट करने का एक प्रयास है पद्मश्री पंडितजी हृदयनाथ मंगेशकर और उषा मंगेशकर द्वारा प्रस्तुत यह भव्य स्वरांजलि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और सद्भाव के अमर संदेश का एक प्रमाण है आदिनाथ मंगेशकर और निसर्ग पाटिल द्वारा परिकल्पित, इस परियोजना में रूपकुमार राठौड़ की मंत्रमुग्ध कर देने वाली संगीत रचना शामिल हैं।
कवि डाॅ.दीपक वज़े के स्वरांजलि के अवसर पर प्रेरक शब्द और पद्मश्री शंकर महादेवन और निसर्ग पाटिल की जादुईआवाज़ें एक साथ आईं। इन सभी ने मिलकर दुनिया को वैश्विक एकता का संदेश दिया है इस त्योहार की भावना यह है कि पीएम मोदी देशों के बीच शांति और एकता स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
भविष्य में विश्व के सभी मनुष्यों को एक होना चाहिए विभाजन को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन वसुधैव कुटुंबकम पर विश्वशांति दूत संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया जो एक संगीत कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है. इस कार्यक्रम से पता चला कि संगीत सभी समस्याओं का समाधान है और संगीत का उपयोग दुनिया को एक साथ लाने के लिए किया जा सकता है।
आदिनाथ मंगेशकर और निसर्ग पाटिल का सहयोग, रूपकुमार राठौड़ का संगीत, डॉ. दीपक वज़े की काव्य प्रतिभा और पद्मश्री शंकर महादेवन और निसर्ग पाटिल के गायन ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस पहल का बीजेपी नेता आशीष शेलार और हितेश जैन ने समर्थन किया है. यह संगीत समारोह विश्व में शांति की आवश्यकता को उजागर करने के लिए है।
यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी का सम्मान करता है, जिन्होंने पूरी दुनिया को एक साथ लाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, यह सिर्फ एक संगीत कार्यक्रम नहीं है बल्कि पूरी दुनिया को एक सूत्र में जोड़ने का एक पवित्र क्षण है, शांति का बंधन, भारत की सबसे बड़ी प्रतिभा वसुधैव। विश्व शांति दूत अपनी कलात्मकता के माध्यम से कुटुंबकम के सार को दर्शाते हैं।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन
मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट