गुजरात में मोदी का जादू बरक़रार
कांग्रेस ने गुजरात चुनाव के पहले ही दिन से वहां पर जातिगत समीकरणों को अपने पाले में करने मे पूरी ताकत दिखा दी थी. पाटीदारों से लेकर उसने दलितों पर लगा रखा था. लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों में वह फायदे में तो है लेकिन बीजेपी से काफी पीछे है. अगर गुजरात में बीजेपी को इतनी बड़ी जीत मिलती दिखाई दे रही थी तो जाहिर है कि पाटीदारों के अलावा बाकी जातियां बीजेपी के पक्ष में लामबंद हुई होंगी. इतना ही नहीं गुजरात के आदिवासियों ने भी इस बार बीजेपी को हो वोट दिया है जो कि अभी तक कांग्रेस का ही वोटबैंक रहा है. दूसरी एक आंकलन यह भी हो सकता है कि हार्दिक पटेल का उतना असर पाटीदारों के बीच नहीं दिखा जितना कांग्रेस ने अंदाजा लगाया था. यही हाल जिग्नेश मेवानी औ अल्पेश ठाकोर के साथ भी रहा है. कुल मिलाकर गुजरात के लिए कांग्रेस ने जो ‘पिच’ बनानी चाही वह उसी में ढेर में होती नजर आ रही है. तकरीबन सभी एक्जिट पोल में गुजरात में भाजपा को 100 से अधिक सीटें दी गई हैं. भाजपा इस राज्य में 22 साल से सत्ता में है. हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा की जीत की संभावना जताई गई है. इस राज्य की राजनीति में यह देखा गया है कि हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन होता है. एक बार कांग्रेस तो दूसरी भाजपा सत्ता में आती है. फिलहाल हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है.टुडेज चाणक्य’ के एक्जिट पोल के अनुसार गुजरात में भाजपा को 135 सीटें मिलेंगी तो कांग्रेस को 47 सीटों से ही संतोष करना पड़ सकता है. टाइम्स नाउ-वीएमआर के एग्जिट पोल में कहा गया कि राज्य में भाजपा को 115, कांग्रेस को 64 तथा शेष सीट अन्य दलों को मिल सकती हैं. रिपब्लिक-सी वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार भाजपा को 108 और कांग्रेस को 74 सीट मिलने का अनुमान है.