विदित हो कि महागठबंधन से अलग हो चुके मांझी इन दिनों बिहार की राजनीति के अहम फैक्‍टर बन गए हैं। सभी की निगाहें उनके अगले कदम पर है। बताया जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अलावा वे असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi), पप्‍पू यादव (Pappu Yadav) व यशवंत सिंह (Yashwant Sinha) से भी लगातार संपर्क में हैं।

काफी सोच-विचार के बाद छोड़ा महागठबंधन

मांझी ने कहा कि उन्होंने काफी सोच-विचार करने के बाद महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया। गठबंधन में जितना अपमान होना था, हो चुका है। पार्टी की कोर कमेटी का निर्णय था महागठबंधन में रहने का अब कोई मतलब नहीं है। इसके बाद ही यह कदम उठाया गया।

कई जगह चल रही बात, नीतीश से भी हुई चर्चा

उन्होंने कहा कि नए रिश्तों को लेकर उनकी बात कई जगह चल रही है। मायावती, असदुद्दीन ओवैसी, बामसेफ, तीसरे मोर्चे के नेताओं के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस और यहां तक कि कांग्रेस के भी कुछ नेता उनके संपर्क में हैं। नीतीश कुमार के सवाल पर मांझी ने कहा वे बेहतर काम कर रहे हैं। उनसे भी बात हुई है। विकल्प अभी खुले हुए हैं। मांझी ने कहा कि कि जो भी फैसला होगा, 30 अगस्त के  पहले होगा और सबको इसकी जानकारी मिलेगी।

मिल रहे संकेत, जेडीयू के साथ जा सकते हैं मांझी

मांझी भले ही अपने पत्‍ते को 30 अगस्‍त तक खालने की बात करें, लेकिन आगे की उनकी योजना का स्‍पपष्‍ट संकेत मिल रहा है। चर्चा है कि जेडीयू से उनकी बात करीब-करीब तय हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि वे अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कर सकते हैं।

सूत्र बता रहे हैं कि जेडीयू के अलावा मांझी के संपर्क में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, जन अधिकार पार्टी के संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और तीसरा मोर्चा के नेता नरेंद्र सिंह भी हैं। ओवैसी मांझी से गठजोड़ कर सीमांचल में पकड़ मजबूत बनाना चाहते हैं।