भारत ने ईरान से अपने नागरिकों को निकाला

भारत सरकार ने कोविड-19 बीमारी के फैलाव को देखते हुए अनेक देशों से भारतीय नागरिकों और अन्य देशों के नागरिकों को निकाला है।

ईरान में कोविड-19 फैलने की स्थिति में भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाए करने शुरू किए। ईरान में भारतीय नागरिकों में तीर्थ यात्री, विद्यार्थी और मछुवारे शामिल हैं। ईरान से 7 मार्च को 108 नमूने प्राप्त किए गए। इन नमूनों की जांच एम्स की प्रयोगशाला में की जा रही है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमएआर) के 6 वैज्ञानिकों को ईरान में तैनात किया गया है। प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए उपकरण तथा रिजेंट भेज जा रहें है। ईरान से पहली खेप में 58 व्यक्तियों को निकाला गया और यह लोग 10 मार्च, 2020 को भारत पहुंचे। इनमें 25 पुरुष, 31 महिलाएं तथा दो बच्चे हैं। ईरान से निकाले गए सभी लोगों में बीमारी के लक्षण पाए गए हैं।

भारत सरकार ने अभी तक कोविड-19 प्रभावित देशों से 948 यात्रियों को निकाला हैं। इनमें से 900 भारतीय नागरिक हैं और 48 लोग मालदीव, म्यामांर, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरु के नागरिक हैं। चीन के हुबेई प्रांत का वुहान शहर कोविड-19 का केन्द्र है और वहां सैकड़ों भारतीय फंसे हुए हैं। एयर इंडिया की विमान सेवा ने वहां से निकालने के लिए दो विशेष उड़ानों का उपयोग किया और 654 यात्रियों को वुहान से निकाला गया। इनमें 647 भारतीय नागरिक हैं।

पहली फरवरी को चीन के वुहान से पहली खेप में 324 भारतीय नागरिकों को निकाला गया। उन्हें आईटीबीपी छावला शिविर में निगरानी के लिए अलग रखा गया था और शेष 220 लोगों को मानेसर की सेना की चिकित्सा सुविधा में रखा गया। 3 फरवरी, 2020 को दूसरी खेप में 330 यात्री भारत पहुंचे। इनमें मालदीव के 7 नागरिक थे और 2 भारतीय दूतावास के अधिकारी थे जो लोगों को निकाले जाने के कार्य में समन्वय के लिए तैनात किए गए थे। 300 लोगों को आईटीबीपी छावला शिविर में रखा गया, जबकि 30 लोगों को मानेसर की चिकित्सा सुविधा में निगरानी के लिए भेजा गया।

वुहान से निकाले गए सभी लोगों को 14 दिनों के लिए अलग रखा गया। उनकी दो बार जांच की गई और उन्हें निगेटिव पाया गया। 18 फरवरी, 2020 को उनकी छुट्ठी कर दी गई।

भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को चीन के हुबेई प्रांत से 112 यात्रियों को निकाला। इनमें 76 भारतीय नागरिक थे। भारतीय वायु सेना द्वारा निकाले गए विदेशी लोगों में म्यामांर, बांग्लादेश, मालदीव, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर और दक्षिण अफ्रीका के नागरिक थे। यात्री 27 फरवरी, 2020 को भारत पहुंचे और उन्हें प्रोटोकॉल के मुताबिक 14 दिनों के लिए आईटीबीपी शिविर में रखा गया। पहली जांच में सभी यात्री निगेटिव पाए गए हैं। भारतीय वायु सेना के विमान से सद्भाव के तौर पर चीन को सप्लाई करने के लिए चिकित्सा सामग्रियां भी ले जाई गई।

इसके अतिरिक्त जापान के योकोहाम बंदरगाह से जापानी जहाज डायमंड प्रिंसेंस के मामले में 124 यात्रियों को निकाला गया। इसमें 5 लोग श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका तथा पेरु के थे। इन सभी लोगों को मानेसर में सेना की चिकित्सा सुविधा में रखा गया और पहली जांच में इन्हें निगेटिव पाया गया।

रोकथाम के उपाए के तौर पर भारत सरकार ने 10 मार्च, 2020 को चीन, हांगकांग, कोरिया गणराज्य, जापान, इटली, थाईलैंड, मलेशिया, फ्रांस, स्पेन तथा जर्मनी की यात्रा करने वाले यात्रियों को 14 दिनों के लिए अलग रखे जाने का परामर्श जारी किया।

देश में अब तक कोविड-19 के 60 पॉजिटिव मामले पाए गए हैं। इनमें 3 केरल के थे। कल से 10 नए मामलों की रिपोर्ट की गई है जिनमें से 8 केरल के तथा 1-1 राजस्थान और दिल्ली के हैं।

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