पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात को निधन हो गया. मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश के तमाम राजनीतिक दिग्गजों ने श्रद्धांजलि दी
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात को निधन हो गया. मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश के तमाम राजनीतिक दिग्गजों ने श्रद्धांजलि दी है और अपने-अपने तरीके से उनको याद कर रहे हैं. मनमोहन सिंह को आज बिहार भी याद कर रहा है. बिहार उनकी दरियादिली के लिए याद कर रहा है. बिहार में विकास की नींव रखने में अहम योगदान देने वाले मनमोहन सिंह को आज हर एक बिहारी धन्यवाद दे रहा है और दे भी क्यों ना. क्योंकि प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने बिहार के लिए खजाना खोल दिया था.
साल 2008 में मनमोहन सिंह बिहार पहुंचे थे
सबसे पहले बात करते हैं साल 2008 की. जब बिहार में बाढ़ से हर तरफ त्राहिमाम मचा हुआ था, तब प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह ने देश का खजाना खोल इस जख्म पर मरहम लगाने का प्रयास किया था. इसके अलावा मनमोहन सिंह ने और भी कई काम बिहार के लिए किए थे. साल 2008 में बिहार में जब कुसहा बांध टूटा तो भीषण तबाही आई. इस दौरान 28 अगस्त 2008 को मनमोहन सिंह पूर्णिया पहुंचे और वहां से फिर हेलिकॉप्टर से सुपौल, मधेपुरा, अररिया और कई जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया. साथ ही उन्होंने राहत पैकेज के तौर पर एक हजार करोड़ रुपये के मदद का ऐलान कर दिया और एक लाख टन अनाज भी देने का ऐलान किया था.
बिहार को मनमोहन सिंह ने क्या-क्या दिया?
कहा जाता है कि मनमोहन सिंह की पहल से ही पटना में पहला डॉल्फिन रिसर्च सेंटर बना था. राज्य सरकार ने इसका प्रस्ताव केंद्र को भेजा तो मनमोहन सिंह की सरकार ने इसे अप्रूव कर दिया था.
मनमोहन सिंह के कार्यकाल में बिहार के किशनगंज जिले में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की शाखा खोली गई थी.
मनमोहन सिंह के सरकार में बिहार को दो केंद्रीय विश्वविद्यालय मिले.
बिहार को विशेष राज्य का दर्ज देने की मांग पर उन्होंने रघुराम राजन की अध्यक्षता में एक विशेष कमिटी बनाई थी.
मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 2010 में नालंदा यूनिवर्सिटी अधिनियम संसद में पारित हुआ था.