डे-नाइट टेस्ट पर COA के रवैये पर BCCI ने जताई नाराज़गी
अक्टूबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली डे-नाइट टेस्ट सीरीज के आयोजन पर BCCI ने नाराज़गी जताते हुए,भारत में होने वाले पहले डे-नाइट टेस्ट पर रोक लगाने के फैसले पर अपना रुख जाहिर कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त BCCI की क्रिकेट प्रशासकों की समिति (COA) के मुखिया विनोद राय ने भारत में होने वाले पहले डे-नाइट टेस्ट पर रोक लगाने के फैसले पर कहा , इस मामले में उन्हें अंधेरे में रखने की वजह से ये प्रस्तावित मैच विवाद का विषय बन गया है। उन्होंने आगे कहा, BCCI अमिताभ चौधरी(कार्यवाहक सचिव ), राहुल जौहरी(CEO) और जनरल मैनेजर (क्रिकेट) सबा करीम इस मैच को लेकर शास्त्री के संपर्क में थे।
शास्त्री ने बोर्ड से कहा कि किसी दूसरी श्रेणी की टीम (वेस्टइंडीज) के खिलाफ इस मैच की मेजबानी किसी छोटे शहर में करना अच्छा होगा जिसमें एक सत्र दूधिया रोशनी में खेला जाए। राय ने इस मामले पर COA को नजरअंदाज करने पर नाराजगी जताई।
BCCI के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘‘विनोद राय जब नीतिगत फैसलों पर प्रक्रिया की बात करते हैं तो वह सही हैं। निश्चित तौर पर (कार्यवाहक अध्यक्ष) सीके खन्ना और (कोषाध्यक्ष) अनिरुद्ध चौधरी को भी संज्ञान में लिया जाना चाहिए था जैसा कि अमिताभ और राहुल ने नहीं किया.”
उन्होंने इसके आगे कहा, ‘‘लेकिन राय ने भी कई अवसरों पर कार्यवाहक अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को संज्ञान में नहीं लिया. अचानक अब उन्हें लगता है कि खन्ना और अनिरुद्ध को जानकारी नहीं दी गई।
आपको बता दें कि विनोद राय ने इससे पहले अमिताभ और राहुल जौहरी पर निशाना लगाते हुए ईमेल लिखा … मुंबई में क्रिकेट सेंटर में बैठकर चार लोग नीतिगत फैसले नहीं ले सकते। मैं इस पर काम करूंगा। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था । लेकिन मुंबई हेडक्वार्टर को राहुल जौहरी, सबा करीम, अनिरुद्ध चौधरी और IPL कॉरपोरेटर अमीन काम करते हैं।
इसके बाद विनोद राय के ईमेल का जवाब देते हुए , एक अन्य BCCI अधिकारी ने लिखा , COA के अंतर्गत ही सबा करीम की नियुक्ति हुई थी। अब सबा के इरादे पर क्यों सवाल क्यों खड़ा किया जा रहा है। राय ने पांच दिनों तक भारतीय खिलाड़ियों की शारीरिक स्थिति, राज्य संघों के आर्थिक तथ्यों और प्रशासनिक व्यवस्था के साथ कई चीजों की वजह से भारत में डे-नाइट टेस्ट की योजना पर रोक लगा दी। लेकिन अमिताभ वेस्टइंडीज के दौरे के समय भारत में पहला डे-नाइट टेस्ट कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने फोन और ईमेल के जरिये भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री से राय भी मांगी थी। शास्त्री इसको लेकर सकारात्मक थे।