BAREILLY :सेथल- अहदे क़दीम से मज़हबी भाईचारे की एक मिसाल !
सेथल अहदे कदीम से मज़हबी भाईचारे की एक मिसाल रही है। जो आज के सियासी पसमंजर में मुल्क के लिए बेहतरीन नमूना है ।
इसके रहने वाले लोग हमेशा से मुल्क की गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करते आए हैं। इसी सेथल क़स्बे के सय्यद मेराज मौहम्मद साहब जिनका अभी कुछ दिन पूर्व इन्तिकाल हुआ के चेहलुम के दौरान हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की एक झलक देखने को मिली। मेराज मौहम्मद साहब के चेहलुम के प्रोग्राम के दौरान उनकी क़ब्र पर बढ़ी संख्या में हिन्दू समाज के लोगों (जिनमें अधिकतर मौर्य समाज के लोग थे) फूल मालाएं चढ़ाकर खिराजे अकीदत पेश की और इस दुख की घड़ी में उनके परिवार को सांत्वना दी। सेथल के मशहूर ज़मीदार चौधरी खानदान से ताल्लुक रखने वाले मेराज मौहम्मद साहब पेशे से शिक्षक रहे और पूरी जिंदगी समाज सेवा में अपना जीवन व्यतीत किया। गरीबों और कमज़ोर वर्ग के लोगों के हमेशा वक़्त पर काम आने वाले मेराज मौहम्मद साहब की मौत के साथ सेथल में समाज सेवा का अध्याय खत्म हो गया । लेकिन समाज में उनका योगदान रहती दुनिया तक याद रक्खा जायेगा। मेंराज मौहम्मद साहब सेथल की विख्यात राजनितिक हस्ती सैयद फहीम हुसैन जैदी के फुपीजात भाई थे।
सेंथल से शाह उर्फ़ी रज़ा ज़ैदी की क़लम से !
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !