PNB स्कैम-आखिर कौन से नियमों में पंजाब नेशनल बैंक ने किया बदलाव ?

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साल के दूसरे महीने की शुरूआत में हीरा व्यापारी नीरव मोदी के PNB स्कैम के खुलासे के बाद से ही सभी बैंक लोन और ट्रांजेक्शन्स को लेकर सतर्क हो गए । PNB स्कैम की वजह से अब पंजाब नेशनल बैंक ने अपने नियमों में सख्ती करते हुए, बड़े बदलाव करने की पहल की है ।

क्या होता है Swift
SWIFT यानि Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunications, जिसमें दुनियाभर के बैंक ‘एक कोड सिस्टम’ के जरिए वित्तीय लेनदेन का सुरक्षित आदान प्रदान करते हैं। न्यूज वेबसाइट ‘द मिंट’ में पब्लिश एक आर्टिकल में तमल बंदोपाध्याय लिखते हैं कि SWIFT के जरिए किसी एक पूरे बैंक को धराशाही किया जा सकता है। मैकर, चैकर और वेरिफायर SWIFT में बहुत बड़ा रोल प्ले करते हैं। मैकर सिस्टम में मैसेज डालता है, चैकर उन मैसेजस की जांच करता है और वेरीफायर इन दोनों प्रक्रियाओं की जांच कर वेरीफाई करता है।

Swift से ट्रांजैक्शन लिमिट तय
बैंक ने फैसला लिया है कि अब Swift के जरिए किए जाने वाले ट्रांजैक्शन के दौरान अफसर की लिमिट तय करने का फैसला लिया है। यह सारी जानकारी बैंक ने 17 फरवरी को अपनी सभी शाखाओं को भेजा है। समचार एजेंसी रायटर्स का दावा है कि उनके पास 17 फरवरी को भेजे गए बैंक नोट की कॉपी है।

ये थी पूरी प्रक्रिया
अब इस SWIFT मैसेज को विदेशी बैंक (जिस बैंक से लोन लेना है) के पास भेजा जाता है, विदेशी बैंक उसे वेरिफाई करने के बाद, SWIFT मैसेज को वापस पहले वाले बैंक के एक सक्षम अधिकारी के पास भेजता है, जो मैकर, चैकर और वेरिफायर से अलग होता है। विदेशी बैंक से जो SWIFT मैसेज आता है, बहुत ज्यादा सीक्रेट होता है। अब इस फ्रॉड से पता चलता है कि नीरव मोदी के मामले में SWIFT की पूरी प्रक्रिया PNB के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी अकेले ने ही निभाई ।

Swift नियम में किया बदलाव

पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले का असर अब PNB समेत अन्य बैंकों के कामकाज पर भी दिख रहा है। गौरतलब है कि PNB ने ‘स्विफ्ट’ नेटवर्क के इस्तेमाल के नियम सख्त कर दिए हैं । जिसके बाद अब केवल अधिकारी ही ‘स्विफ्ट’ पर मैसेज जनरेट कर सकेंगे।
अब से मैसेज जनरेट करने, वेरिफाई करने और उसे अथॉराइज करने वाले तीन अलग-अलग अधिकारी होंगे। इसके पहले तक दो अधिकारी या क्लर्क इसे जनरेट करते थे।
PNB ने इस बारे में 17 फरवरी को बैंक के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को मेमो भेज दिया है, और आने वाले गुरुवार से इस पर अमल के निर्देश दिए गए हैं।
PNB ने मुंबई में एक ट्रेजरी डिवीजन भी बनाई है। जिसका काम होगा कि बैंक की ओर से भेजे गए स्विफ्ट मैसेजस की दोबारा जांच करें। अगर मैसेज किसी भी परस्थिति में रिजेक्ट हो जाए तो उसे ऑडिट के लिए रिकॉर्ड में रखा जाएगा।
PNB के ब्रेडी हाउस ब्रांच के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्‌टी, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को जो LoC जारी करता था, उसकी सूचना वह दूसरे बैंकों को ‘स्विफ्ट’ के जरिए ही देता था।

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