Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट सजा के निलंबन को लेकर सांसदों और विधायकों के लिए अलग मानदंड नहीं हो सकते

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल से कहा कि आपराधिक मामलों में दोष सिद्धि और सजा के निलंबन को लेकर सांसदों-विधायकों के लिए अलग मानदंड नहीं हो सकते.

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल से कहा कि आपराधिक मामलों में दोष सिद्धि और सजा के निलंबन को लेकर सांसदों-विधायकों के लिए अलग मानदंड नहीं हो सकते.

न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने कहा, ‘‘जब अदालत के समक्ष सामग्रियों के आधार पर प्रथम दृष्टया राय है कि यह बरी होने का मामला है, तभी दोषसिद्धि और सजा का निलंबन किया जा सकता है. दोषसिद्धि और सजा के निलंबन के लिए संसद सदस्य और विधानसभा सदस्य के लिए अलग मानदंड नहीं हो सकता है.’

फैजल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा कि उनकी दोषसिद्धि और सजा को निलंबित करते समय केरल उच्च न्यायालय के दिमाग में जो बात थी, वह यह है कि वह एक निर्वाचित प्रतिनिधि है और यदि उनकी दोष सिद्धि और सजा पर रोक नहीं लगाई जाती तो वे संसद की सदस्यता से अयोग्य हो जाएंगे और बाद में चुनाव कराने की आवश्यकता होगी.

पीठ ने कहा कि यह असाधारण परिस्थिति में होना चाहिए जब दोष सिद्धि पर रोक लगाने की जरूरत पड़े, लेकिन यह एक मानदंड या मानक नहीं हो सकता. न्यायमूर्ति जोसेफ ने सिंघवी से कहा कि पीड़ित के मस्तिष्क सहित पूरे शरीर पर लगभग 16 चोटें थीं और स्थानीय डॉक्टर का बयान है कि अगर उसे समय पर इलाज नहीं मिला होता, तो उसकी मौत हो जाती.

केंद्र शासित प्रदेश की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि यह तीन बिंदु हैं-पहला यह की सीट रिक्त हो जाएगी और चुनाव से सरकार का पैसा खर्च होगा. दूसरा यह कि दोषसिद्धि और सजा का निलंबन दुर्लभतम मामलों में होना चाहिए और तीसरी बात यह है कि अदालत को दोषी के इतिहास को देखना पड़ेगा.

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: