SC : बिहार-दिल्ली पुलिस को अदालत ने दिए कड़े निर्देश, पीड़िता बोली- 16 साल में शादी, अब जान पर खतरा
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति मनमोहन की खंडपीठ ने 16 साल की आयु में जबरन विवाह कराए जाने के दावे वाले मुकदमे में सख्त रूख अपनाया है। शीर्ष अदालत ने बिहार पुलिस के साथ-साथ दिल्ली पुलिस आयुक्त को भी निर्देश दिया है कि पीड़िता को पर्यात सुरक्षा प्रदान करें। याचिकाकर्ता ने अदालत से अपनी शादी को रद्द करने की गुहार लगाई है। जानिए क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने एक संवेदनशील मुकदमे में बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) और दिल्ली पुलिस आयुक्त को कड़े निर्देश दिए हैं। जबरन शादी कराने के आरोप का यह मामला दो जजों की खंडपीठ के पास है।
जस्टिस उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति मनमोहन की बेंच ने दलीलों को सुनने के बाद दोनों राज्यों की पुलिस से कहा कि नाबालिग पीड़िता के लिए सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किए जाएं। पीठ ने कहा कि लड़की और उसके दोस्त को जान का खतरा है। देश की शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया और कहा की पीड़ितों से संपर्क कर उन्हें जरूरी सहायता प्रदान करें।
पीड़िता ने लगाए गंभीर आरोप, कोर्ट ने 15 जुलाई तक जवाब मांगा
शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी शादी को रद्द करने की गुहार लगा रही पीड़िता ने दावा किया है कि घरवालों ने 9 दिसंबर, 2024 को 16 साल की उम्र में जबरन उसकी शादी करा दी। मर्जी के खिलाफ कराई गई शादी के विरोध में वह अपने दोस्त के साथ भागने में सफल रही। अब उसका पति और ससुराल वाले उसे शादी न तोड़ने पर मजबूर कर रहे हैं। लड़की के मुताबिक ससुराल वालों ने शादी पर खर्च किए गए पैसे के बारे में शिकायत की है। दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस याचिका पर विस्तृत सुनवाई के लिए सहमति जताई। अदालत ने 15 जुलाई तक बिहार प्रशासन और उसके पति तथा ससुराल वालों से जवाब मांगा है।