रेल मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक हुई

निर्वाचित प्रतिनिधि लोगों की भावनाओं को व्‍यक्‍त करते हैं, आम लोग ही रेलवे की सेवाओं के प्रमुख हितधारक हैं : श्री पीयूष गोयल

रेल तथा वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कोई भी संगठन जो अच्‍छे कार्य करना चाहता है उसे सभी हितधारकों के परामर्श पर ध्‍यान देना चाहिए। रेल मंत्रालय के संसद सदस्‍यों की संसदीय सलाहकार समिति की अध्‍यक्षता करते हुए श्री पीयूष गोयल ने रेल परियोजनाओं के लिए पर्याप्‍त धन उपलब्‍ध कराने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का आभार जताया। उन्‍होंने कहा कि प्रणाली को बेहतर बनाना एक निरंतर प्रक्रिया है। पिछले 5 वर्षों के दौरान सुरक्षा, स्‍वच्‍छता, समयबद्धता और अवसंरचना विकास में उल्‍लेखनीय प्रगति हुई है। सभी परियोजनाओं पर कार्य तेजी से चल रहे हैं। इनमें ट्रेनों में तथा रेलवे स्‍टेशनों पर यात्रियों के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाने का कार्य भी शामिल है। श्री पीयूष गोयल ने रेलवे की कार्यप्रणाली में बदलाव और मानसिकता में परिवर्तन की सराहना करते हुए कहा कि रेलकर्मियों के योगदान के बिना ऐसे बदलाव संभव नहीं थे।

हाल में ही समाप्‍त हुए दो दिवसीय सम्‍मेलन ‘परिवर्तन संगोष्‍ठी’ के बारे में श्री गोयल ने कहा कि लगभग 300 अधिकारियों के साथ विभिन्‍न विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। नई दिल्‍ली में आयोजित इस संगोष्‍ठी में 300 अधिकारियों ने भाग लिया था, जबकि 1000 से अधिक अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस संगोष्‍ठी से जुड़े थे। लगभग 430 अधिकारियों से 2300 सूझाव प्राप्‍त हुए, इससे रेलवे के भविष्‍य में विकास के लिए कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी। रेलवे का लक्ष्‍य है माल ढुलाई तथा यात्रियों की संख्‍या में वृद्धि करके राजस्‍व बढ़ाना। संसद सदस्‍यों द्वारा दिये गये सुझावों की सराहना करते हुए श्री गोयल ने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि लोगों की भावनाओं को व्‍यक्‍त करते हैं। आम लोग ही रेलवे की सेवाओं के सबसे बड़े हितधारक है। ट्रेनों के नये हॉल्‍ट/ठहराव के संबंध में उचित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्‍यकता है।

रेल राज्‍य मंत्री श्री सुरेश सी. अंगड़ी ने कहा कि भारतीय रेल देश की अर्थव्‍यवस्‍था की जीवन रेखा है। परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्‍य सरकारों का सहयोग बहुत आवश्‍यक है। रेलवे परिचालन की कठिनाईयों के बारे में श्री अंगड़ी ने कहा कि भारतीय रेल में प्रतिदिन 2.3 करोड़ लोग यात्रा करते हैं, जो आस्‍ट्रेलिया की जनसंख्‍या के बराबर है। रेलवे की दृष्टि एकदम स्‍पष्‍ट होनी चाहिए कि इसे लोगों की सेवा करनी है।

बैठक में संसद सदस्‍यों ने विभिन्‍न विषयों को रेखांकित किया। इनमें शामिल है- ओवर और अंडर ब्रिज का निर्माण, रेल लाईनों का दोहरीकरण, ट्रेनों तथा रेल स्‍टेशनों में यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाएं, पिछड़े क्षेत्रों की कनक्टिविटी के लिए नये ट्रेन शुरू करना या चालू ट्रेनों को विस्‍तार देना। मंजूर की गई परियोजनाओं को तेजी से पूरा करना, यात्रियों के लिए चिकित्‍सा सुविधाएं, रेलवे की जमीन का उचित उपयोग, इंजनों के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग आदि। ‍ कुछ संसद सदस्‍यों ने पिछले पांच वर्षों के दौरान रेलवे में हुई प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि रेलवे लोगों को सेवाएं प्रदान करने में सिर्फ भारतीय सेना से पीछे हैं। संसद सदस्‍यों द्वारा दिये गये कुछ अन्‍य सलाह है- रेल-भाड़े को तर्कसंगत बनाना, मालवाहक ट्रेनों की यात्रा समय अवधि बेहतर बनाना और खाद्य पदार्थों की कीमतों को प्रकाशित करना आदि।

बैठक में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री विनोद कुमार यादव, बोर्ड के अन्‍य सभी सदस्‍य तथा रेलवे वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित थे। सलाहकार समिति के सदस्‍यों के समक्ष ‘भारतीय रेल : राष्‍ट्र की जीवन रेखा’ विषय पर एक प्रस्‍तुति दी गई। इस प्रस्‍तुति में अवसंरचना के आधुनिकीकरण, रेलवे परिसंपत्तियां और परिचालन, राजस्‍व और परिव्‍यय, पूंजीगत परिव्‍यय, परियोजनाओं की प्राथमिकता, सुरक्षा को बेहतर बनाना, रेलवे का डिजिटल रूपांतरण आदि विषयों के संबंध में ब्‍यौरा दिया गया।

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