हमारा स्वास्थ्य ही असली संपदा है वर्ष 2020 ने यह हमें सिखाया निर्भय सक्सेना।
इग्लैंड से आये कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर जहां सभी देश चिंतित है। भारत भी अब इससे अछूता नही रहा। बरेली सही देश मे इस नए कोरोना वायरस ने सभी की नींद उड़ाई हुई है। यह बात सही है की कोविड 19 से तो भारत काफी हद तक उबर गया पर अभी जब तक वेक्सीन नही आ रही है तब तक ढिलाई भी घातक हो सकती है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2020 स्वास्थ्य के मामले में एक अभूतपूर्व वर्ष रहा। हमारा स्वास्थ्य ही असली संपदा है। इस 2020 वर्ष ने यह हमें सिखाया भी है।
अभी तक भारत में पिछले एक दिन में कोरोना वायरस के 21 हजार 821 नए केस आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1 करोड़ 02 लाख 66 हजार 674 ही हुई।
इस दौरान 299 नई मौतों के बाद देश मे कुल मौतों की संख्या भी 1 लाख 48 हजार 738 हुई है जो अन्य देशों से काफी कम है।
भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या अब 2 लाख 57 हजार 656 और कुल रिकवरी की संख्या 98 लाख 60 हजार 280 है। राजकोट में अब भारत के चिकित्सा तंत्र को मजबूत करने के लिए एम्स के शिलान्यास से देश के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा को भी बल मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा वर्ष 2020 को एक नई राष्ट्रीय चिकित्सा सुविधा के साथ विदाई देना इस साल की कड़ी चुनौती के साथ ही नए साल की प्राथमिकता को भी दर्शाता है।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना ने देश के गरीबों को कितनी बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है। वह गरीब अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज अब अच्छे अस्पतालों में मुफ्त करा रहे है।
उन्होंने कहा पहले मैं कहता था कि जबतक दवाई नही तब तक ढिलाई नहीं। अब हमारा वर्ष 2021 का मंत्र होगा दवाई भी, कड़ाई भी।
स्मरण रहे साल 2020 में संक्रमण की निराशा और चिंताएं थी। चारों तरफ सवालिया निशान थे लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है। वैक्सीन को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही है। जल्द कोरोना वेक्सीन भी आने वाली है जिसकी तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। भारत ने एकजुटता के साथ समय पर प्रभावी कदम उठाए। उसी का परिणाम है कि आज हम बहुत अच्छी स्थिति में हैं। मुश्किल भरे इस साल ने दिखाया है कि भारत जब एकजुट होता है तो मुश्किल से मुश्किल संकट का सामना भी वह कर सकता है। स्वास्थ्य पर जब चोट होती है तो जीवन का हर पहलू बुरी तरह प्रभावित होता है और सिर्फ परिवार नहीं पूरा सामाजिक दायरा उसकी चपेट में आ जाता है। देश मे कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खतरे की वजह से अब अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर 31 जनवरी तक के लिए रोक लगा दी गई है। हालांकि ये रोक अंतरराष्ट्रीय कारगों उड़ानों पर लागू नहीं होगी। कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भारत में लगातार फैलता जा रहा है और अब देश के अन्य राज्यो एवम कर्नाटक में भी नए स्ट्रेन से संक्रमित मरीज मिले हैं। कर्नाटक में भी ब्रिटेन से वापस आए 7 लोग कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित पाए गए हैं। कोविड 19 के चलते इस बार 26 जनवरी 2021को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड की लंबाई कम की गई है। परेड विजय चौक से शुरू होकर नेशनल स्टेडियम तक ही जाएगी जबकि पहले परेड राजपथ से शुरू होकर लाल किले तक जाती थी। विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक यह परेड 3.3 किलोमीटर की ही होगी। 26 जनवरी की इस परेड देखने का अवसर भी इस बार कम लोगों को मिलेगा। हर बार लगभग 32 हजार टिकट बिकते थे लेकिन इस बार 7500 लोग ही टिकट खरीद पाएंगे। इस बार परेड में छोटे बच्चे हिस्सा नहीं लेंगे केवल 15 साल से ज्यादा उम्र के स्कूली बच्चे ही शामिल होंगे। परेड देखने के लिए स्कूली बच्चों के लिए अलग से बाड़ा भी इस बार नहीं होगा। दिव्यांग बच्चे भी इस बार शामिल नहीं होंगे। जाते हुए वर्ष 2020 ने भारतवासियो को आत्मनिर्भर तो बनाया ही वही उनके फालतू खर्चो पर भी अंकुश लगा दिया। 2021 में भी अब दवा के साथ ही कड़ाई से मास्क और 2 गज दूरी को बनाये रखना हम सब की जिम्मेदारी बनती है तभी सब स्वस्थ रहेगें
निर्भय सक्सेना पत्रकार, बरेली
9411005249