Mumbai : कोरगज्जा ने मुझे एक नया संगीत जॉनर बनाने का मौका दिया-संगीतकार गोपी सुंदर

मुंबई (अनिल बेदाग) : साउथ इंडिया की ऑडियो कंपनियों के बीच राइट्स हासिल करने की होड़ अब अपने चरम पर है, जो भारतीय संगीत इंडस्ट्री के लिए एक नए और उत्साहजनक युग की शुरुआत का संकेत दे रही है।
इसी कड़ी में, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक और निर्देशक सुदीप अट्टावर की आने वाली फिल्म ‘कोरगज्जा’ को लेकर ऑडियो कंपनियों में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है। निर्माता त्रिविक्रम सपल्या के अनुसार, कई शीर्ष ऑडियो कंपनियों ने फिल्म के म्यूज़िक राइट्स के लिए उम्मीद से कहीं अधिक बड़े ऑफर दिए हैं।
फिल्म के संगीतकार गोपी सुंदर ने इस परियोजना को “एक अनोखा संगीत अनुभव” बताया है। गोपी सुंदर कहते हैं, “कोरगज्जा की विषयवस्तु ने मुझे एक नया संगीत जॉनर बनाने का मौका दिया। इस फिल्म की गहराई पारंपरिक सिनेमा से अलग है, और इसके लिए संगीत तैयार करना मेरे लिए चुनौतीपूर्ण और संतोषजनक अनुभव रहा।”
उन्होंने आगे बताया, “इस फिल्म के संगीत के लिए मुझे कर्नाटक के तुलु नाडु क्षेत्र की परंपराओं और सांस्कृतिक गहराई को समझना पड़ा। इन्हीं परंपराओं को आत्मसात करने के बाद मैंने धुनों को रचा और मुझे खुशी है कि निर्देशक को मेरा काम पसंद आया।”
फिल्म ‘कोरगज्जा’, त्रिविक्रम सिनेमा और सक्सेस फिल्म्स के बैनर तले बनी है। यह कहानी करावली क्षेत्र (तुलु नाडु) के पूज्य देवता कोरगज्जा पर आधारित है, जिसमें 800 साल पहले एक आदिवासी युवक के कोरगज्जा रूप में रूपांतरण की गूढ़ और आध्यात्मिक यात्रा को दिखाया गया है।
इस फिल्म में कुल 6 गीत शामिल हैं, जिन्हें विभिन्न शैलियों और भाषाओं में संगीतबद्ध किया गया है। गीतों के बोल खुद निर्देशक सुदीप अट्टावर ने लिखे हैं। संगीत की खास बात यह है कि इसमें शंकर महादेवन का एक विशेष ट्रैक शामिल है, जिसमें शिव तांडव के श्लोकों को आधुनिक संगीत के साथ मेल करके पेश किया गया है।
फिल्म के साउंडट्रैक में श्रेय घोशल, सुनिधि चौहान, शंकर महादेवन, जावेद अली, स्वरूप खान और अरमान मलिक जैसे नामी गायकों की आवाजें शामिल हैं, जिन्होंने गोपी सुंदर की नवाचारपूर्ण रचनाओं को और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इतना ही नहीं, कई बड़े गायकों ने स्वयं गोपी सुंदर से संपर्क कर उनके संगीत की सराहना की और इस नई शैली में काम करने की इच्छा जताई।
गोपी सुंदर ने निर्देशक सुदीप अट्टावर की शोध-कार्य की भी प्रशंसा की और कहा कि, “उन्होंने इस कथा की आत्मा को जिस तरह उकेरा है, वह आज के सिनेमा के दायरे से कहीं आगे है।”
निर्देशक सुधीर अत्तावर ने स्पष्ट किया कि ‘कोरगज्जा’ की कहानी फिल्म ‘कांतारा’ से पूरी तरह भिन्न है। उन्होंने बताया कि कर्नाटक और केरल क्षेत्र में लगभग 5000 दैवों की पूजा होती है, जबकि कांतारा में केवल एक देवता को दर्शाया गया था। इस विषय पर शोधकार्य में उन्हें कार्यकारी निर्माता विद्याधर शेट्टी का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।
फिल्म में कबीर बेदी, मशहूर कोरियोग्राफर संदीप सोपारकर और गणेश आचार्य, साउथ के कलाकार भाव्या, श्रुति जैसे कई कलाकार नजर आएंगे। फिल्म के तकनीकी पक्ष में भी नामी हस्तियों को जोड़ा गया है – सिनेमैटोग्राफी मनोज पिल्लई, एडिटिंग जिथ जोशी और विद्याधर शेट्टी, साउंड डिजाइनिंग बिबिन देव, तीन बार के केरल राज्य पुरस्कार विजेता लिजू प्रभाकरण द्वारा रंग-संयोजन और वीएफएक्स व ग्राफिक्स की कमान लवन- कुशन के हाथ में है।
कुल मिलाकर, ‘कोरगज्जा’ एक ऐसी फिल्म बनने जा रही है जो भारतीय सिनेमा के परिदृश्य को एक नई दिशा दे सकती है – संगीत, संस्कृति और तकनीक का अद्वितीय संगम।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट

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