Delhi News : गैर अनुपातिक सम्‍पत्ति के मामले में तत्‍कालीन अतिरिक्‍त आयकर आयुक्‍त को 3.5 करोड़ रू. जुर्माने के साथ सात वर्ष की कठोर कारावास ; तीन अन्‍य आरोपियों को भी सजा सुनाई गई

सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, देहरादून (उत्‍तराखण्‍ड) ने गैर अनुपातिक सम्‍पत्ति के मामले में तत्‍कालीन अतिरिक्‍त आयकर आयुक्‍त, जमशेदपुर श्री स्‍वेताभ सुमन (1988 बैच के आई.आर.एस. अधिकारी) को 3.5 करोड़ रू. जुर्माने के साथ 07 वर्ष की कठोर कारावास ; उनकी माता श्रीमति गुलाब देवी को 10,000 रू. जुर्माने के साथ एक वर्ष की कठोर कारावास और दो अन्‍य व्‍यक्तियों यथा अरूण कुमार सिंह व राजेन्‍द्र विक्रम सिंह को प्रत्‍येक पर 20,000 रू. के जुर्माने सहित चार वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने आरोपित स्‍वेताभ सुमन का देहरादून स्थित घर, नोयडा स्थित एक प्‍लाट, बोध गया (बिहार) स्थित होटल एवं होण्‍डा सिटी कार सहित सम्‍पत्तियों को जब्‍त करने का भी आदेश दिया।

सीबीआई ने अप्रैल, 1997 से मार्च, 2004 की अवधि के दौरान श्री स्‍वेताभ सुमन को तथाकथित अपने आय के ज्ञात स्रोतो से अधिक सम्‍पत्ति रखने पर भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) के साथ पठित धारा 13(1)(ई) के तहत 02.08.2005 को मामला दर्ज किया।

जॉंच से पता चला कि आरोपित ने अपने एवं सह-आरोपित व्‍यक्तियों के नाम पर 3,13,90,408 रू. (लगभग) की अपनी अवैध तरीके से अर्जित धनराशि से चल/अचल सम्‍पत्ति बनाने के लिए लोक सेवक के तौर पर अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरूपयोग किया। जॉंच पूर्ण होने के पश्‍चात, सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत, देहरादून (उत्‍तराखण्‍ड) में आरोपित स्‍वेताभ सुमन, उनकी माता श्रीमति गुलाब देवी,अरूण कुमार सिंह (उनका ब्रदर-इन-लॉ) एवं राजेन्‍द्र विक्रम सिंह के विरूद्ध दिनांक 26.07.2010 को आरोप पत्र दायर हुआ।

विचारण अदालत ने आरोपितों को कसूरवार पाया व उन्‍हे दोषी ठहराया। विचारण की अवधि के दौरान, अभियोग पक्ष के गवाह जो कि लोक सेवक थे, गवाही के दौरान उन्‍होने प्रतिकूल गवाही दी। अदालत ने उक्‍त लोक सेवकों के विरूद्ध उचित विभागीय कार्यवाई की शुरूवात करने का आदेश दिया।

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