मंत्रिमंडल ने पंजाब में राबी नदी पर शाहपुरकंडी डैम (राष्‍ट्रीय परियोजना) को लागू करने की मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज राबी नदी पर शाहपुरकंडी डैम,पंजाब को लागू करने की मंजूरी दी है। इसके लिए 2018-19 से 2022-23 की पांच वर्षों की अवधि के दौरान 485. 38 करोड़ रुपये (सिंचाई घटक के लिए) की केंद्रीय सहायता उपलब्‍ध कराई जाएगी।

इस परियोजना के कार्यान्‍वयन से राबी नदी के जल की मात्रा में कमी लाने में सहायता मिलेगी जो वर्तमान में माधोपुर हेडवर्क्‍स से होते हुए पाकिस्‍तान चली जाती है।

ब्‍यौरा :

  • परियोजना के पूरा होने पर पंजाब राज्‍य में 5000 हेक्‍टेयर और जम्‍मू-कश्‍मीर में 32,173 हेक्‍टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा प्राप्‍त होगी।
  • शाहपुरकंडी डैम परियोजना के लिए वर्तमान की 99 पीएमकेएसवाई-एआईबीपी परियोजनाओं के समान नाबार्ड के माध्‍यम से केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी।
  • केंद्रीय जल आयोग की वर्तमान निगरानी व्‍यवस्‍था के अतिरिक्‍त केंद्रीय जल आयोग के सदस्‍य की अध्‍यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा। परियोजना की कार्यान्‍वयन की निगरानी करने के लिए गठित की जाने वाली इस समिति में पंजाब और जम्‍मू-कश्‍मीर के चीफ इंजीनियर और संबंधित अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।
  • एमओडब्‍ल्‍यूआर, सिंचाई पर आरडी एंड जीआर, बाढ़ नियंत्रण तथा बहुद्देशीय परियोजनाओं की परामर्शदात्री समिति ने 31 अक्‍टूबर 2018 को हुई138वीं बैठक में 2715.70 करोड़ रुपये (मूल्‍य स्‍तर फरवरी 2018) के दूसरे पुनरीक्षित लागत अनुमान को स्‍वीकृति दी है।
  • 485.38 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के साथ पंजाब सरकार इस परियोजना को लागू करेगी। जून 2022 तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी।

प्रभाव :

    • राबी नदी के पानी की कुछ मात्रा वर्तमान में माधोपुर हेडवर्क्‍स होकर पाकिस्‍तान चली जाती है, जबकि पंजाब और जम्‍मू-कश्‍मीर में जलकी आवश्‍यकता है। परियोजना को लागू करने से पानी की बर्बादी में कमी लाने में मदद मिलेगी।
    • इस परियोजना के पूरा होने से पंजाब राज्‍य में अतिरिक्‍त 5000 हेक्‍टेयर और  जम्‍मू–कश्‍मीर में अतिरिक्‍त 32,173 हेक्‍टेयर भूमि कोसिंचाई की सुविधा मिलेगी।
    • इसके अतिरिक्‍त इस परियोजना से पंजाब में यूबीडीसी प्रणाली के अंतर्गत 1.18 लाख हेक्‍टेयर में सिंचाई सुविधा को सुव्‍यवस्थित करने मेंमदद मिलेगी। परियोजना के पूरा होने के पश्‍चात पंजाब 206 मेगावाट जलविद्युत पैदा करने में सक्षम होगा।

परिव्‍यय :

शाहपुरकंडी डैम परियोजना के कार्य घटक की शेष लागत 1973.53 करोड़ रुपये (सिंचाई घटक: 564.63 करोड़ रुपये, ऊर्जा घटक :1408.90करोड़ रुपये) है। इसमें 485.38 करोड़ रुपये केंद्रीय सहायता के रूप में उपलब्‍ध कराई जाएगी।

लाभ :

पंजाब के 5000 हेक्‍टेयर भूमि तथा जम्‍मू-कश्‍मीर के 32,172 हेक्‍टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्‍त होगी। परियोजना के कार्यान्‍वयन से अकुशल श्रमिकों के लिए 6.2 लाख कार्यदिवसों, अर्द्धकुशल श्रमिकों के लिए 6.2 लाख कार्यदिवसों तथा कुशल श्रमिकों के लिए 1.67 लाख कार्यदिवसों के रोजगार का सृजन होगा।

पृष्‍ठभूमि :

सिंधू नदी के जल बंटवारे के लिए 1960 में भारत और पाकिस्‍तान ने सिंधू जल सन्धि पर हस्‍ताक्षर किए थे। इस संधि के तहत भारत को 3 पूर्वी नदियों-राबी, ब्‍यास और सतलज के जल के उपयोग का पूर्ण अधिकार प्राप्‍त हुआ था। राबी नदी के जल की कुछ मात्रा वर्तमान में माधोपुर हेडवर्क्‍स होकर पाकिस्‍तान में चली जाती है। इस परियोजना के लागू होने से पानी की बर्बादी होने में मदद मिलेगी। पंजाब और जम्‍मू-कश्‍मीर के बीच 1979 में एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्‍ताक्षर हुए थे। समझौते के तहत पंजाब सरकार द्वारा रंजीत सागर डैम (थीन डैम) और शाहपुरकंडी डैम का निर्माण किया जाना था। रंजीत सागर डैम का निर्माण कार्य अगस्‍त, 2000 में पूरा हुआ था। शाहपुरकंडी डैम परियोजना राबी नदी पर रंजीत सागर डैम से 11 किमी डी/एस तथा माधोपुर हेडवर्क्‍स से 8 किमी यू/एस पर स्थित है। इस परियोजना को योजना आयोग ने नवंबर, 2001 में प्रारंभिक मंजूरी दी थी और इसे त्‍वरित सिंचाई लाभ योजना (एआईबीपी) के अंतर्गत शामिल किया था ताकि सिंचाई घटक के अंतर्गत इस योजना के लिए कोष उपलब्‍ध कराया जा सके। एमओडब्‍ल्‍यूआर, आरडी एंड जीआर की परामर्शदात्री समिति ने 24 अगस्‍त, 2009 को शाहपुरकंडी डैम राष्‍ट्रीय परियोजना के लिए 2285.81 करोड़ रुपये का संशोधित लागत निर्धारित किया था। इस परियोजना के लिए 26.04 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता 2009-10 से 2010-11 के दौरान जारी की गई थी। हालांकि कार्य में प्रगति नहीं हो सकी। इसका कारण था- पंजाब सरकार द्वारा ऊर्जा घटक के अंतर्गत कोष उपलब्‍ध नहीं कराना तथा जम्‍मू-कश्‍मीर के साथ कई मुद्दों पर मतभेद होना। इस संबंध में द्विपक्षीय स्‍तर पर कई बैठकें आयोजित की गईं तथा भारत सरकार के स्‍तर पर भी कई बैठकों का आयोजन हुआ। अंतत: एमओडब्‍ल्‍यूआर, आरडी एंड जीआर के तत्‍वावधान में पंजाब और जम्‍मू-कश्‍मीर ने 8 सितंबर, 2018 को नई दिल्‍ली में एक समझौते पर सहमति व्‍यक्‍त की।

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