बड़ी खबर : यूरोप के आइग्रेस विकसे ने डॉ सोमेश को 20 फ़िट ऊंची मूर्ति भेंट की
बरेली ( अमरजीत सिंह,अशोक गुप्ता )- कोरोना काल में जग दुनिया कोरोना से जूझ रही थी और सारा यूरोप घरों में बंद था तो आइग्रेस बिकसे ने घरों में रहने के बजाय एक कलाकृति बनाई
ब्राजील की मूर्ति क्राइस्ट द रिडीमर बनी जिसको डॉक्टर की गाउन पहनाई गई और विश्व में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुई कोरोना काल में डॉक्टरों के त्याग को देखते हुए यह मूर्ति ( स्टेचू ) समर्पित की गई जिन्होंने अपनी जान की परवाह ना करते हुए करुणा काल में लोगों की सेवा की मैडिक्स टू दा वर्ल्ड उपहार के रूप में दीपमाला कॉलेज ऑफ नर्सिंग को यह मूर्ति भेंट की गई है जिसका उद्देश्य मेडिकल स्टाफ नर्सिंग स्टाफ पैरामेडिकल स्टाफ जो अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना काल में लोगों की सेवा कर रही हैं कि उनको समर्पित की गई है यह लंबे समय तक कोरोना काल में की गई सेवाओं को याद रखेगी दीपमाला कॉलेज ऑफ नर्सिंग के डायरेक्टर डॉ सोमेश मल्होत्रा ने बताया कि उनके कॉलेज के लिए यह बड़े सौभाग्य की बात है यूरोप से यह मूर्ति बरेली आई है और इसका अनावरण दीपमाला कालेज ऑफ नर्सिंग में बृहस्पतिवार को किया जाएगा । यूरोप से बरेली पहुचे आइग्रेस विकसे ने बताया यह स्टेचू 2 महीने में बनकर तैयार हुआ था और यह मेरे लिए बड़े गर्व का विषय है कि मुझे डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने बरेली में बुलाया है यह मेडिकल छात्रों के लिए मिसाल बनेगी जिन्होंने करुणा काल में अपनी जान की परवाह ना करते हुए लोगों की सेवा की है । विश्व मे पहला स्टेचू है जो बरेली में डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा को निशुल्क दिया है इसकी ऊँचाई 20 फिट से ज्यादा है इसको दीपमाला कालेज ऑफ नर्सिंग फरीदपुर में लगाई जाएगी इसका उद्धघाटन बृहस्पतिवार को किया जाएगा ।