Bareilly News : शहीदे वतन खान बहादुर खान की शहादत हो याद किया,वतन के लिये शहीद हुए जबाज़ों के मक़बरों
शहीदे वतन खान बहादुर खान की शहादत हो याद किया,वतन के लिये शहीद हुए जबाज़ों के मक़बरों और मज़ार पर हैं बदहाली,
जनसेवा टीम ने खान बहादुर खान के मज़ार परिसर में शहादत दिवस मनाया।
बरेली हज सेवा समिति के अध्यक्ष पूर्वमंत्री हाजी अताउर्रहमान ने कहा कि 1857 के कान्तिकारियो को श्रद्धांजलि,भारत की आज़ादी के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने वाले पहले कान्तिकारियो को सलाम।
जनसेवा टीम के अध्यक्ष पम्मी खान वारसी ने कहा कि 160 साल पहले भारत को आज़ादी दिलाने के लिए 1857 में नौ लोगो का दल बनाया गया दिल्ली में हिंदुस्तान के पूर्व बादशाह बहादुर शाह जफर बख्त खां ने जिसमें नौ केंद्र भी बनाये दिल्ली के बहादुर शाह ज़फ़र बख्त खां, कानपुर के नाना साहब तात्या टोपे,लखनऊ की बेगम हज़रत महल,झांसी की रानी लक्षमीबाई,इलाहाबाद के लियाक़त अली,जगदीशपुर बिहार के कुँवर सिंह,बरेली के खान बहादुर खान,फैज़ाबाद के मौलवी अहमद उल्ला,फतेहपुर के अज़ीमुल्ला शामिल थे,इन शहीदों ने हम सबको अंग्रेज़ो की गुलामी और अत्याचारो से मुक्ति दिलाने के लिए खुद शहीद होकर हम सबको आज़ादी दिलाई।
आज जब जनसेवा टीम के लोग शहीदे वतन के मक़बरे पर कल शाम पहुँचे तो वहां पर अंधेरा और चारों ओर झाड़िया ही झाड़िया नज़र आई, मक़बरे के बाहर 2 सो बाट का एक खराब बल्फ़ लगा था जो लग रहा था कि काफी वक़्त से खराब हैं मक़बरे के अंदर जो सीएफएल लाइट लगी थी वो भी नही जल रही थी,कूड़ा करकट काफी जमा था और दरवाज़े पर ताला लगा हुआ था,जिससे ये प्रतीक होता हैं कि काफी लम्बे समय से यहाँ कोई देखभाल नही हुई, ये सब देखकर आज बहुत अफसोस हुआ जिन्होंने हम सबको अंग्रेजों के ज़ुल्म के अंधकारों से छुटकारा दिलाया आज उन्ही का मकबरा अंधकार के साये से ढाका हुआ हैं, हम बरेली में हैं तो ये देख रहे पर बाकी कान्तिकारियो के स्थलों का यही हाल हैं आज,ऐतिहास के पन्नो में ही इन बहादुर जवाज़ो की कहानियां बनी हुई हैं।शासन प्रशासन और जनता को इन शहीदों की कुर्बानियों को भूलना नही चाहिये,शहीदों की यादो को तरोताज़ा रखने के लिए सभी कान्तिकारियो के स्थलों का सौंदर्यकरण व रख रखाव होना चाहिये।
सपा पूर्व महानगर अध्यक्ष कदीर अहमद ने कहा कि कल स्वतंत्रता दिवस हैं पर यहाँ कोई व्यवस्था नही हैं प्रशासन को इसकी देखरेख के लिये एक सफाई कर्मचारी और एक गार्ड का इंतेज़ाम के साथ साथ एक माली नियुक्ति करना चाहिये।
दरगाह नासिर मियां के ख़ादिम सूफ़ी वसीम मियां साबरी ने कहा कि जेल रोड़ पर शहीदे वतन खान बहादुर खान के नाम से एक द्वार बनना चाहिये और इस रोड का नाम भी उनके नाम पर हो।
जनसेवा टीम के महासचिव डॉ. सीताराम राजपूत ने प्रशासन से मांग करते हुऐ कहा कि कम से कम यहाँ चार पांच हाई-माक्स लाइटे लगवा दे ताकि मक़बरे का अंधेरा तो दूर हो जाये।
खान बहादुर खान के मज़ार पर हाजी अताउर्रहमान व पम्मी खान वारसी ने गुलपोशी व चादरपोशी की और मुल्क़ व आवाम की खुशहाली शांति सौहार्द के लिये दुआ की।