बरेली: नगर वन UP ईको टूरिज्म में शामिल

🌳 बरेली बना ईको-टूरिज्म हब! ‘नगर वन’ को मिली यूपी के पर्यटन एजेंडे में जगह, ₹10 करोड़ से बनेंगे ट्री-हाउस और आधुनिक पार्क

बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘ग्रीन विजन’ को साकार करते हुए, बरेली शहर जल्द ही उत्तर प्रदेश के ईको-टूरिज्म (Eco-Tourism) नक्शे पर चमकने वाला है।

सीबीगंज स्थित लगभग 30 हेक्टेयर में फैले ऐतिहासिक आरबोरेटम क्षेत्र में विकसित किए जा रहे ‘नगर वन’ को अब यूपी ईको टूरिज्म के एजेंडे में शामिल कर लिया गया है। वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई उच्च-स्तरीय बैठक में नगर वन की डिज़ाइन और लेआउट पर सहमति बन गई है।

करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाला यह ‘नगर वन’ शहरवासियों और पर्यटकों के लिए प्रकृति, ज्ञान और मनोरंजन का मजबूत संगम बनेगा।

🏞️ नगर वन में क्या होगा खास? आकर्षण का केंद्र

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य शहर के बीचों-बीच एक ऐसा प्राकृतिक स्थल विकसित करना है जहां प्रकृति को बिना नुकसान पहुंचाए पर्यटक आनंद ले सकें। नगर वन में ये आकर्षण शामिल होंगे:

  • ट्री-हाउस: जंगल के बीचों-बीच लकड़ी से बने अनोखे ट्री-हाउस, जो पर्यटकों के लिए सुकून भरे भ्रमण स्थल बनेंगे।

  • आधुनिक पार्क: बच्चों के लिए विशेष किड्स प्ले एरिया और आधुनिक सुविधाओं से लैस पार्क।

  • ईको-फ्रेंडली कैफेटेरिया: प्राकृतिक माहौल में खान-पान की सुविधा।

  • हर्बल वाटिकाएं: औषधीय और दुर्लभ पौधों की जानकारी देने वाली विशेष वाटिकाएं।

  • ज्ञान और जागरूकता: प्राचीन और दुर्लभ वृक्षों पर उनके महत्व और उपयोगिता से जुड़ी विस्तृत जानकारी अंकित की जाएगी।

  • आकर्षक सेल्फी प्वाइंट: युवाओं और पर्यटकों को लुभाने के लिए विशेष सेल्फी प्वाइंट।

🚫 पेड़ नहीं कटेगा, पक्का निर्माण नहीं

इस परियोजना की सबसे बड़ी ईको-फ्रेंडली खासियत यह है कि विकास कार्य के दौरान एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा और वन क्षेत्र में किसी भी तरह का पक्का निर्माण नहीं किया जाएगा। सभी सुविधाएं प्रकृति के अनुकूल तरीके से विकसित की जाएंगी।

डीएफओ दीक्षा भंडारी ने बताया कि लखनऊ में वन मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में लेआउट को अंतिम सहमति मिल गई है।

📜 ब्रिटिशकालीन और दुर्लभ वृक्षों का संरक्षण

सीबीगंज का यह आरबोरेटम क्षेत्र पहले से ही मियावाकी वन और ब्रिटिशकालीन दुर्लभ वृक्षों से समृद्ध है।

यहां चंदन, रुद्राक्ष, केवड़ा, शाल के साथ-साथ श्रीलंका में पाई जाने वाली कुछ दुर्लभ प्रजातियों के पेड़ और बांस की कई किस्में मौजूद हैं। यह क्षेत्र वनस्पतियों के शोध और प्रशिक्षण के लिए भी एक विशेष केंद्र (हब) बनेगा, जिसका निर्देशन मुख्य वन संरक्षक करेंगे।

🤝 पर्यटन, आस्था और प्रकृति का संगम

बरेली में पहले से ही नाथ कॉरिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है। ‘नगर वन’ के जुड़ने से यह शहर आस्था (नाथ कॉरिडोर), प्रकृति (नगर वन) और पर्यटन का एक मजबूत केंद्र बन जाएगा।

इस महत्वपूर्ण परियोजना में वन विभाग के साथ पर्यटन विभाग, बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) और नगर निगम की सक्रिय भागीदारी रहेगी। इन सभी विभागों को मिलकर जल्द ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।


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