मूडीज ने भारत की बढ़ाई रेटिंग,विदेशी निवेशकों का भारत पर विश्वास
मोदी सरकार सत्ता में आने के बाद लगातार कोशिश में लगी थी कि किस तरह से रेटिंग में सुधार हो और अब उसके नतीजे सामने आए हैं. रेटिंग में सुधार 13 सालों बाद हुआ है जबकि नजरिये में पहली बार बदलाव 2015 में हुआ था जब इसे नकारात्मक से सकारात्मक किया गया जबकि अब इसे स्थिर कर दिया गया है.रेटिगं मे सुधार का मतलब ये हुआ कि विदेशी निवेशकों का भारत पर विश्वास और बढ़ेगा और वो यहां खुलकर निवेश कर सकेंगे. साथ ही नजरिया बदलने का मतलब ये हुआ कि फिलहाल इसमें गिरावट के आसार नहीं और ये भी हो सकता है कि आगे इसमें सुधार ही हो. ध्यान रहे कि अभी तक तमाम रेटिगं एजेंसियों ने भारत की रेटिंग सुरक्षित निवेश के लिहाज से बिल्कुल ही निचले पायदान पर रखा था.मूडीज की राय में कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार अभी भी डिजाइन के स्तर पर ही है, फिर भी वो ये मानती है कि अब तक जिन सुधारों पर अमल हुआ है है उससे सरकार को कारोबारी माहौल सुगम बनाने, उत्पादकता बढ़ाना, देसी-विदेशी निवेश बढ़ाने और विकास दर में मजबूती व स्थिरता के लक्ष्य को समय से पहले हासिल करने में मदद मदद मिलेगी. चूंकि यहां विकास की संभावनाएं काफी मजबूत है, ऐसे मे सुधारों से विभिन्न घटनाक्रम के झटकों से मजबूती से निबटने में मदद मिलेगी.मूडीज मानती है कि ज्यादात्तर सुधारों का असर देखने में थोड़ा समय लगेगा. नोटबंदी औऱ जीएसटी सुधारों ने थोड़े समय के लिए विकास दर पर असर भी डाला है. कुछ इसी वजह से मूडीज का आंकलन है कि 31 मार्च 2018 को खत्म होन वाले वित्त वर्ष 2017-18 में विकास दर 6.7 फीसदी रह सकती है. लेकिन जैसे-जैसे नये सुधार कार्यक्रमों की शुरुआती दिक्कतें दूर होंगी, उसका असर विकास दर पर देखने को मिलेगा.केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “2004 के बाद पहली बार मूडीज ने भारत की रेटिंग बढ़ाई है. मोदी सरकार में विश्वास मजबूत होता हुआ.”