दाराेगा की कार की टक्कर से आइटी इंजीनियर की मौत के मामले में पुलिस का खेल, एफआइआर में छिपाया चालक नाम

बरेली : दारोगा की कार की टक्कर से घायल आइटी इंजीनियर की मौत मामले में दर्ज एफआइआर में प्रेमनगर पुलिस ने खेल कर दिया। सीसीटीवी में कैद हुई घटना के बाद दारोगा ने खुद गाड़ी चलाने वाले चालक का नाम कबूला था। बावजूद दर्ज एफआइआर में पुलिस ने चालक का नाम नहीं लिखा। गाड़ी नंबर को दर्ज करते हुए अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। अब नाम पता मालूम होने के बाद भी अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

घटना शनिवार शाम की है। सिद्धार्थनगर मकान नंबर 36 के रहने मृतक मुनीष कुमार द्विवेदी काम खत्म कर घर लौट रहे थे। अशरफ खां छावनी से थोड़ी दूर ही वह पहुंचे थे कि एक तेज रफ्तार बलेनो कार ने सामने से आ रहे मुनीष को चपेट में ले लिया। जिससे वह घायल हो गए। अस्पताल में डाक्टरों ने मुनीष को मृत घोषित कर दिया था। गाड़ी नंबर से पता चला कि कार अशरफ खां चौकी पर सेकेंड इंचार्ज के पद पर तैनात दारोगा शनिदेव की है।

दारोगा ने एचपी मोटर्स पर गाड़ी तीन दिन पहले सर्विस के लिए दी थी। रविवार को एजेंसी का मैकेनिक भूरा लेकर निकला था जिससे यह हादसा हुआ। था। मुनीष के भाई आशीष ने मामले में तहरीर दी थी जिसके बाद प्रेमनगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। मुनीष की मौत पर स्वजन ने थाने व चौकी पर हंगामा भी काटा था।

कोरोना कफ्र्यू में बंदी के बाद भी एजेंसी से कैसे निकली गाड़ी

दारोगा के मुताबिक, उन्होंने तीन दिन पहले हार्टमैन स्थित एचपी मोटर्स पर गाड़ी सर्विस के लिए दी थी। शनिवार को कोरोना कफ्र्यू था। आवश्यक सेवाओं को छोड़ अन्य प्रतिष्ठान नहीं खुल सकते। लिहाजा, सवाल है कि आखिर बंदी के बाद भी कंपनी से गाड़ी सड़क तक कैसे आई। यह बड़ा सवाल है।

तहरीर के आधार पर ही मुकदमा दर्ज किया गया होगा। कार चालक की तलाश कराई जा रही है। – यतींद्र सिंह नागर, सीओ प्रथम

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