वित्त मंत्री ने सीपीएसई के पूंजी व्यय पर की दूसरी समीक्षा बैठक

वित्त मंत्री ने सीपीएसई के पूंजी व्यय पर की दूसरी समीक्षा बैठक

केन्द्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इस वित्त वर्ष (एफवाई) में पूंजी व्यय की समीक्षा के लिए आज नागर विमान और इस्पात मंत्रालयों के सचिवों, चेयरमैन रेलवे बोर्ड (सीआरबी) के साथ ही इन मंत्रालयों से संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के केन्द्रीय उपक्रमों (सीपीएसई) के सीएमडी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की। यह समीक्षा बैठकों की श्रृंखला की दूसरी बैठक थी, जो वित्त मंत्री कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में आर्थिक विकास को गति देने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ कर रही हैं।

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इन सीपीएसई का कुल पूंजी व्यय लक्ष्य 24,663 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2019-20 में इन 7 सीपीएसई के लिए 30,420 करोड़ रुपये के लक्ष्य की तुलना में 25,974 करोड़ रुपये पूंजी व्यय (कैपेक्स) हुआ, जो लक्ष्य की तुलना में 85 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही के दौरान कैपेक्स 3,878 करोड़ रुपये (13 प्रतिशत) था और 2020-21 की पहली तिमाही में यह 3,557 करोड़ रुपये (14 प्रतिशत) रहा।

भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में सीपीएसई की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बेहतर प्रदर्शन सीपीएसई को प्रोत्साहित किया और वित्त वर्ष 2020-21 के लिए उपलब्ध कराए गए पूंजी परिव्यय का उचित तथा समयबद्ध तरीके से व्यय सुनिश्चित करने के लिए कहा। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सीपीएसई के बेहतर प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था को कोविड-19 के प्रभाव से व्यापक स्तर पर उबारने में सहायता मिल सकती है।

वित्त मंत्री ने संबंधित सचिवों और चेयरमैन रेलवे बोर्ड से वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के अंत तक पूंजी परिव्यय का 50 प्रतिशत पूंजी व्यय सुनिश्चित करने के क्रम में सीपीएसई के प्रदर्शन पर नजर रखने और इसके लिए उपयुक्त योजना बनाने के लिए कहा। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि लंबित मुद्दों को तत्काल डीईए/डीपीई/डीआईपीएएम के सामने उठाया जाना चाहिए, जिससे उनका समाधान निकाला जा सके। वित्त मंत्री ने कहा कि वह हर महीने सीपीएसई के कैपेक्स के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए बैठक करेंगी।

सीपीएसई ने विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के कारण उनके सामने आ रहीं बाधाओं पर विचार विमर्श किया। वित्त मंत्री ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में सामूहिक प्रयासों के साथ असाधारण प्रयास करने होते हैं और हमें न सिर्फ बेहतर प्रदर्शन करना है, बल्कि बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की सहायता भी करनी है।

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