पुलिस द्वारा पकड़े गए 40 लाख के साथ डेढ़ करोड़ की स्मैक को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

स्मैक तस्कर के मुखिया हफीज़ पैसों की लालच में दूसरे घर में तैयार करती थी स्मैक

बरेली : स्मैक तस्कर राजू और उसके भाई मुन्ना के पकड़े जाने के बाद गैंग की मुख्यिा हफीजन के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आईं हैं। वह जिस घर में रुकती थी, वहां से नशीले पदर्थों का लेन-देन नहीं करती थी। वह अलग-अलग घरों से तस्करी के धंधे को संचालित करती थी। बिथरी चैनपुर के पदारथपुर में जिस घर से पुलिस ने 40 लाख रुपये बरामद किए, उससे 500 मीटर दूर स्थित दूसरे घर में वह नशे की ओवरडोज तैयार कराती थी।

राजू और मुन्ना से मिली जानकारी के आधार पर जब पुलिस ने दूसरे घर पर दबिश दी तो वहां ताला लगा मिला। ताला तोड़कर पुलिस जब अंदर दाखिल हुई तो स्मैक भी नहीं मिली। राजू और मुन्ना ने पुलिस को बताया कि हफीजन स्मैक मंगवाकर इसी घर में रखती थी। केमिकल का इस्तेमाल कर वह खुद स्मैक की गुणवत्ता और बेहतर बनाती। इसके बाद तैयार माल यहीं से बेचे जाने के लिए तस्करों को दिया जाता। दोनों घर भी तस्कर ने पूरे प्लान के साथ तालाब के किनारे बनवाए। पुलिस दबिश देती, इससे पहले तस्कर माल तालाब में फेंकवा देती थी। लिहाजा, दबिश के बाद भी पुलिस खाली हाथ रह जाती थी।

रकम के लालच में फंसी हफीजन

हफीजन पहले इस धंधे में फतेहगंज पश्चिमी कस्बा निवासी पति रफीक उर्फ मलिक का सिर्फ हाथ बटाती थी, लेकिन फरवरी में उसके जेल जाने के बाद उसने धंधे को तेजी से आगे बढ़ाया। राजू और मुन्ना के पहले भी उसके गिरोह का एक आरोपित पकड़ा गया, लेकिन उसने किसी का नाम नहीं कुबूला। राजू और मुन्ना ने भी हफीजन का नाम नहीं लिया, लेकिन भारी-भरकम रकम बरामद होने के बाद दोनों तस्करों को मुंह खोलना पड़ा। तस्करों ने हफीजन को सरगना बताया। साफ है कि रकम के लालच में हफीजन फंस गई। यदि स्मैक होती तो हर बार की तरह उसे इस बार भी ठिकाने लगा दिया जाता लेकिन, 40 लाख रुपये वह तालाब में कैसे फेंकती। पदारथपुर में स्थित हफीजन के अन्य दोनों घरों में ताला पड़ा हुआ है। मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

हफीजन की तलाश के लिए टीमें लगी हुई हैं। उसकी गिरफ्तारी होने पर तस्करों के बड़े गिरोह के राजफाश होने की उम्मीद है।

रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी

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