PIB : श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली में ‘बुद्धम शरणम् गच्छामी’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

विदेश और संस्कृति मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने 10 मई, 2023 को राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय, नई दिल्ली में वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं, राजदूतों, राजनयिकों और मंत्रालय के अधिकारियों की उपस्थिति में ‘बुद्धम शरणम् गच्छामी’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर ड्रेपुंग गोमांग मठ के कुंडेलिंग तत्सक रिनपोछे सम्मानीय अतिथि थे।

भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित इस प्रदर्शनी में विश्व भर में बौद्ध कला और संस्कृति की यात्रा प्रदर्शित की गई है। आधुनिक भारतीय कला के प्रतिष्ठित कला-मर्मज्ञों की विलक्षण कृतियों को प्रदर्शित किया गया है, इन्हें विभिन्न वर्गो में विभाजित किया गया है।

प्रत्येक कलाकृति बौद्ध धर्म और बुद्ध के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती हैं। ये कलाकृतियां बौद्ध धर्म के इतिहास और दर्शन की झलक प्रस्तुत करती हैं।

प्रदर्शनी का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन, अंगवस्त्रम् प्रदान करने और वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा मंत्रोच्चार के साथ हुआ। इसके बाद “श्वेता मुक्ति” नृत्य नाटिका का प्रदर्शन किया गया। इसमें कविता द्विवेदी और ग्रुप ने ओडिसी नृत्यशैली में निर्वाण की स्त्री महिमा का प्रदर्शन किया गया।

इस अवसर पर कई देशों के मिशन प्रमुख और अनुयायी उपस्थित थे। इसमें बौद्ध धर्म के वर्चस्व वाले विभिन्न देशों – नेपाल, म्यांमा, मंगोलिया, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, भूटान – के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। डेनमार्क, ग्रीस, लग्जमबर्ग, जमैका, पुर्तगाल, जॉर्जिया, आइसलैंड, इक्वाडोर, सीरिया, पेरू के अतिरिक्त कई अन्य देशों के वरिष्ठ राजनयिक भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

प्रदर्शनी में श्रीलंका और म्यांमा जैसे देशों की पेंटिंग्स को दिखाया गया है और यह बताया गया कि किस प्रकार बौद्ध धर्म का विभिन्न देशों में प्रसार हुआ। प्रदर्शनी का उद्देश्य कला में निहित आध्यात्मिकता और बौद्ध धर्म से संबंधित विभिन्न तत्वों के बारे में एक अन्वेषण और उसकी यात्रा के बारे में पता लगाना है, जो ज्ञान, करुणा और शांति के सार्वभौमिक मूल्यों की अभिव्यक्ति है।

प्रतिष्ठित भारतीय कलाकार नंदलाल बोस ने बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं और उनकी आध्यात्मिकता के मार्ग को रेखा चित्रों के माध्यम से एक अलौकिक गुणवत्ता के साथ खोजा है।

निकोलस रोरिक और बीरेश्वर सेन की कृतियों में पर्वतराज हिमालय अपने वास्तविक सौंदर्य का बोध कराता है। राजनयिकों ने इस प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इससे उन्हें भगवान बुद्ध के जीवन और समर्थित मूल्यों के बारे में और अधिक जानकारी मिली।

यह प्रदर्शनी 10 जून तक जनता के लिए इंडिया गेट पर राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालयनई दिल्ली में खुली है।

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: