नीरव मोदी के बाद एक और बड़ा स्कैम आया सामने , कनिष्क गोल्ड ने 14 बैंकों को 824.15 करोड़ रुपये का लगाया चूना
पीएनबी घोटाले के बाद से लगातार बैंकों के नए-नए घोटाले खुलकर सामने आ रहे हैं. अब एक और मामले में खुलासा हुआ है जिसमें ज्वेलरी कारोबार से जुड़ी एक और कंपनी ने बैंकों को 824.15 करोड़ रुपए का चूना लगाया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने जनवरी में सीबीआई से चेन्नई की ज्वेलरी चेन कनिष्क गोल्ड की जांच करने को कहा था. दरअसल, कनिष्क गोल्ड ने 14 बैंकों से करीब 824 करोड़ से ज्यादा का लोन ले रखा है.
मॉरिशस में है कनिष्क गोल्ड के प्रोमोटर्स
कनिष्क गोल्ड का रजिस्टर्ड ऑफिस तमिलनाडु के चेन्नई में है. इसके प्रोमोटर्स और डायरेक्टर्स भूपेश कुमार जैन और उनकी पत्नी नीता जैन है. बैंकर्स का कहना है कि इन दोनों से पिछले कुछ समय से संपर्क नहीं हो सका है. बैंकों का मानना है कि दोनों इस वक्त मॉरिशस में रहता है. हालांकि, इस मामले में अभी तक सीबीआई ने एफआई दर्ज नहीं की है.
RBI को पिछले साल ही दी थी जानकारी
एसबीआई ने सबसे पहले कंपनी के खिलाफ आरबीआई को जानकारी दी थी. एसबीआई ने 11 नवंबर 2017 में आरबीआई को कंपनी के फ्रॉड के बारे में बताया था. जनवरी में बैंकों के कंसोर्शियल के बाकी सदस्य (बैंक) ने भी कंपनी के खिलाफ फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई. एसबीआई के मुताबिक, ज्वेलरी कंपनी ने मार्च 2017 में पहली बार आठ बैंकों के ब्याज का डिफॉल्ट किया था. वहीं, अप्रैल 2017 के बाद कनिष्क गोल्ड ने सभी 14 बैंकों का भुगतान नहीं किया.
CBI करेगी जांच
जानकारी के मुताबिक कनिष्क गोल्ड के मालिक भूपेश जैन और उनकी पत्नी नीता जैन ने एसबीआई सहित 13 अन्य बैंकों से करीब 842.15 करोड़ रुपए का लोन लिया था। एसबीआई ने सबसे ज्यादा लोन कनिष्क गोल्ड को दिया था। फिलहाल भूपेश और उसकी पत्नी फरार चल रहे हैं। बैंकों का मानना है कि दोनों इस वक्त मॉरिशस में रहते है। अब ब्याज मिलाकर के यह 1000 करोड़ रुपए से अधिक का हो चुका है। अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। हालांकि अभी तक किसी तरह की कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
ऑफिस और शोरूम बंद
बैंकों ने 5 अप्रैल 2017 को कंपनी के खिलाफ ऑडिट शुरू किया था। प्रोमोटर्स से इस दौरान संपर्क करने की कोशिश की गई। लेकिन, उनसे संपर्क नहीं हो सका। 25 मई 2017 को बैंक कनिष्क के कॉरपोरेट ऑफिस में पहुंचे, लेकिन ऑफिस, फैक्ट्री और शोरूम में कामकाज पूरी तरह बंद था। उसी दिन कंपनी प्रोमोटर भूपेश कुमार जैन ने बैंकर्स को चिट्ठी लिखकर यह बात कबूल की थी कि उसने रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ और स्टॉक्स को हटाया है। वहीं, कंपनी के दूसरे शोरूम भी बंद हो चुके है।
SBI समेत 14 बैंकों का बकाया
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, कनिष्क गोल्ड को लोन देने वालों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा निजी और सरकारी 14 बैंक शामिल हैं. 25 जनवरी 2018 को सीबीआई को लिखे एक लेटर में एसबीआई ने आरोप लगाया था कि कनिष्क गोल्ड रिकॉर्ड को बदलने की कोशिश और रातोंरात दुकानें बंद कर रही है. बैंकों के मुताबिक, कंपनी पर 824 करोड़ का कर्ज है और ब्याज मिलाकर यह रकम 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकती है.
किस बैंक पर कितना बकाया
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया: 215 करोड़
आईसीआईसीआई बैंक: 115 करोड़
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: 50 करोड़
सिडिकेट बैंक: 50 करोड़
बैंक ऑफ इंडिया: 45 करोड़
IDBI बैंक: 45 करोड़
यूको बैंक: 40 करोड़
तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक: 37 करोड़
आंध्रा बैंक: 30 करोड़
बैंक ऑफ बड़ौदा: 30 करोड़
HDFC बैंक: 25 करोड़
सेंट्रल बैंक: 20 करोड़