गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण का निधन: डेढ़ घंटे स्ट्रेचर पर पड़ा रहा शव, एंबुलेंस ने मांगे पांच हजार

प्रसिद्ध गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि वशिष्ठ नारायण सिंह पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे।

उनका पटना के पीएमसीएच अस्पताल में इलाज चल रहा था।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वशिष्ठ के निधन पर दुख जताया और कहा कि वशिष्ठ बाबू के निधन से बेहद दुख हुआ है। उन्होंने अपने ज्ञान से पूरे बिहार का नाम रोशन किया है। लेकिन मुख्यमंत्री के श्रद्धांजलि देने के बाद भी बिहार सरकार उनके पार्थिव शरीर के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था तक नहीं करा पाई।

वशिष्ठ नारायण सिंह का पार्थिव शरीर अस्पताल परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक स्ट्रेचर पर रखा रहा। अस्पताल प्रशासन की तरफ से एंबुलेंस नहीं मुहैया कराई गई। उनके भाई को वशिष्ठ सिंह के पार्थिव शरीर के साथ काफी देर तक अस्पताल के बाहर खड़ा रहना पड़ा।

उनके भाई ने बताया कि एंबुलेंस वाले ने पार्थिव शरीर भोजपुर ले जाने के लिए पांच हजार रुपए मांगे। बाद में कलेक्टर कुमार रवि और कुछ नेता पहुंचे, जिसके बाद पार्थिव देह को एंबुलेंस से उनके पैतृक आवास भोजपुर ले जाने की व्यवस्था हुई।

वशिष्ठ नारायण सिंह को हाल में ही इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। गुरुवार को उनकी तबीयत बिगड़ने पर उनके परिजन दोबारा उन्हें अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि जिस वक्त उन्हें अस्पताल लाया गया, उस समय तक उनका ब्रेन डेड हो चुका था।

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