बच्चा बदलने के आरोप लगाकर परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा: यूपी

– थाने में सुनवाई न होने के बाद कप्तान से मिलने पहुंचा बच्चे का परिवार

बरेली में प्रीमैच्योर होने के चलते नवजात को शहर के एक निजी अस्पताल में तीन हफ्ते पहले भर्ती कराया गया था। उसे उपचार के लिये वेंटीलेटर पर रखा गया। मंगलवार को डिस्चार्ज के समय परिजनों ने यह कहकर हंगामा शुरू कर दिया कि जब एडमिट कराया था तो लड़का था लेकिन डिस्चार्ज के समय अस्पताल स्टाॅफ उन्हें लड़की पकड़ा रहा है। अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाते ही मामले ने तूल पकड़ ली। उधर, अस्पताल के डाक्टर ने आरोपो को बेबुनियाद बताया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को किसी तरह शांत कराया और कार्रवाई का आश्वासन दिया। बच्ची को अस्पताल में छोड़ परिजन तहरीर लेकर थाने पहुंचे यहां उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। इसके बाद परिजनों ने एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी ने जांच के आदेश दिये है।

बताते चलें कि रामपुर जिले के मिलक की रहने वाली ममता गंगवार पत्नी होरी लाल की डिलिवरी छह मई को पास के ही एक निजी अस्पताल में हुई थी। जोकि प्रीमैच्योर था उसका वजन भी करीब 850 ग्राम था। बच्चे का सूजन का शिकार था जिस कारण उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। उसे बरेली के जनकपुरी स्थित गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्चे की हालत को देखते हुए उसे वेंटीलेटर पर रखा गया। मंगलवार को नवजात की छुट्टी होनी थी। परिवार वालों ने अस्पताल के कर्मियों से बच्चे की छुट्टी करने को कहा, इस पर कर्मियों ने कहा कि डाक्टर के आने के बाद ही छुट्टी होगी। अस्पताल कर्मियों के मना करने पर वहां हंगामा होने लगा। इसके बाद परिवार वालों ने अस्पताल कर्मियों पर उनका बच्चा बदलने का भी आरोप लगाया। आरोप लगाते हुये कहा कि लड़के के बदले लड़की पकड़ा रहे है, यहां तक की एक लाख पचास हजार रूपये का भुगतान भी कर चुके है। काफी देर तक चले हंगामे की सूचना अस्पताल स्टाॅफ द्वारा पुलिस को दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराया और डॉक्टर से बात करके उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके बाद हंगामा कर रहे लोग शांत हुए। काफी देर बाद भी जब बात नहीं बनी तो परिजन शिकायती पत्र लेकर थाने पहुंचे यहां उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके बाद परिजन एसएसपी कार्यालय पहुंचे यहां उन्होंने कप्तान से लकड़ा दिलवाने की मांग की। यह भी बताया कि विरोध करने पर अस्पताल स्टाॅफ द्वारा गाली गलौच व मारपीट भी की गई है। एसएसपी ने मामले की जांच के निर्देश दिए। उधर, गुरुनानक अस्पताल के डाक्टर मलित सलूजा ने बताया कि जब बच्चा एडमिट हुआ था तो बच्चे को काफी सूजन थी जिस कारण परिजनों को लड़की की जगह लड़का दिख रहा था। इलाज के बाद जब सूजन कम हुई तो बच्चे नार्मल वाडी में आ गया, अब परिवार वाले बच्चा बदलने का आरोप लगा रहे है।

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