Delhi News : पति‍ ने पत्नी का स्मार्ट फोन छुड़ाकर फीचर फोन पकड़ा द‍िया, तो मामला तलाक के ल‍िए कोर्ट पहुंच गया

भोपाल की फैम‍िली कोर्ट में एक द‍िलचस्प मामला सामने आया है. मोबाइल की वजह से तलाक का केस दर्ज हुआ था. पत्नी का आरोप था क‍ि पत‍ि खुद स्मार्ट फोन चलाते हैं, मुझे फीचर फोन पकड़ा दिया. इस पर पत‍ि का जवाब था क‍ि इसकी सेल्फी के चक्कर में घर में खाना नहीं बन पाता.

भोपाल की फैम‍िली कोर्ट में एक द‍िलचस्प मामला सामने आया है. मोबाइल की वजह से तलाक का केस दर्ज हुआ था. पत्नी का आरोप था क‍ि पत‍ि खुद स्मार्ट फोन चलाते हैं, मुझे फीचर फोन पकड़ा दिया. इस पर पत‍ि का जवाब था क‍ि इसकी सेल्फी के चक्कर में घर में खाना नहीं बन पाता.

दरअसल, भोपाल में जज आरएन चंद की कोर्ट में एक मामला ऐसा पहुंचा, जिसमें ज‍िसमें तलाक की वजह स्मार्ट फोन बन रहा था. पति-पत्नी के बीच इसे लेकर विवाद इतना बढ़ गया था कि मामला पुलिस थाने और कोर्ट तक पहुंच गया. महिला ने कोर्ट में भरण-पोषण का केस लगा रखा था. वहीं, पति ने भी तलाक का केस लगा द‍िया था.

झगड़े की असली वजह पता चली

इस मामले में कोर्ट ने काउंसलिंग के आदेश दिए थे. इसके बाद काउंसलर संगीता राजानी ने पति-पत्नी की काउंसलिंग की तो झगड़े की असली वजह पता चली. पत्नी का कहना था कि उसका पति खुद तो स्मार्ट मोबाइल फोन रखता है, लेकिन उसे फीचर फोन दे रखा है, वह भी कोई न कोई बहाने करके छुड़ा लेता है. घरवालों से बात भी नहीं करने देता है.

मायके से स्मार्ट फोन लाई थी लेकिन दिनभर सेल्फी लेती रहती थी

इस पर पति ने सफाई दी कि वह अपने मायके से स्मार्ट फोन लाई थी लेकिन दिनभर सेल्फी लेती रहती थी. वॉट्सएप और फेसबुक पर ही वह दिनभर एक्टिव रहती थी. इस वजह से कई बार घर पर खाना नहीं बनता था, बूढ़े मां-बाप को ब्रेड खाकर काम चलाना पड़ता था. इस कारण से घर में झगड़े बढ़ गए थे. रोज-रोज की ख‍िट-खिट से तंग आकर मैंने उसे फीचर फोन दिला दिया था.

इस बात पर पत‍ि-पत्नी माने

दोनों की रिपोर्ट देखने के बाद जज ने मामले की सुनवाई करते हुए महिला को समझाइश दी कि वह घर का पूरा काम करने के बाद मोबाइल को हाथ लगाए. इस बात को पत्नी ने मान लिया. वहीं, पति को शादी की सालगिरह पर पत्नी को स्मार्ट फोन खरीदकर देने के आदेश दिए गए. पति ने 11 जनवरी को शादी की सालगिरह पर पत्नी को स्मार्ट फोन खरीदकर दे द‍िया. इसके बाद दोनों ने साक्ष्य कोर्ट को दिए तब जज ने समझौता पेपर पर हस्ताक्षर किए. न्यायाधीश आरएन चंद ने काउंसलर को मामले में फॉलोअप करने के निर्देश दे द‍िए हैं.

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