सदियों से हमारे देश का मस्तक रहा है जम्मू कश्मीर: अनुजकान्त

बरेली ( सत्येंद्र प्रताप सिंह )- लद्दाख एवं जम्मू कश्मीर अध्यन केंद्र , रोहिलखण्ड चैप्टर ने आज २२ फरवरी का दिन संकल्प दिवस के रूप में मनाया। ज्ञात हो कि २२ फरवरी १९९४ को संसद के दोनों सदनों ने संयुक्त रूप से एक संकल्प लिया था कि चीन और पाकिस्तान के कब्जे में जो अभी जमीन है उस पर भारत वर्ष का अधिकार है व भारत उस भूमि को वापस लेकर ही रहेगा।

इसलिए २२ फरवरी संकल्प दिवस के रूम में मनाया जाता है। आज बरेली में इस संकल्प दिवस के अवसर पर न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं के मध्य वरिष्ठ अधिवक्ता अनुजकांत सक्सेना ने एक विचार गोष्ठी का आयोजन करवाया। जिसमें अनुज कांत सक्सेना ने कहा कि भले ही जम्मू कश्मीर का लीगल इंटीग्रेशन हो गया किंतु वास्तविक इंटीग्रेशन होना शेष है जो हम सब के प्रयासों से होगा।

हम अपनी आने वाली पीढ़ी को एक ऐसा जम्मू कश्मीर दे कर जाएं वो भय से नहीं आपसी प्रेम और भाई चारे से भरा हो जहां जा कर वो गर्व का अनुभव कर सकें। हम अखंड भारत का सपना देखते हैं जैसा भारत पहले था वही हमारा लक्ष्य है।


गोष्ठी का अलावा जम्मू कश्मीर के इतिहास वा उसकी भौगोलिक स्थिति से जुड़े तथ्यों पर एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तर भी हुआ जिसमें कई विद्यालयों जैसे ज्योति कॉलेज, अवंतीबाई महाविद्यालय तथा रुहिलखण्ड विश्वविद्यालय के छात्रों के मध्य जम्मू और कश्मीर विषय पर प्रश्नोत्तर करवाया गया व प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट बांटे गए। ज्योति कॉलेज के शिक्षा विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर प्रतिभा रस्तोगी ने सभी युवाओं को 22 फरवरी को लिए गये संकल्प के बारे मे व देश और इसके इतिहास के साथ हुई छेड़छाड़ के बारे मे बताया। युवाओं मे उपरोक्त के प्रति जागरूकता कैसे लाई जाए इस सम्बन्ध में भी प्रतिभा रस्तोगी ने प्रकाश डाला ।


अधिवक्ता परिषद की गोष्ठी में अध्यक्ष अनुज कांत सक्सेना जी, उपाध्यक्ष ओमपाल सिंह , सत्यभान सिंह तोमर, अरविंद सिंह गौर, कोषाध्यक्ष दीपक पांडेय, मंत्री विनोद बाबू कनौजिया, धारा सिंह व संरक्षक पूरन लाल प्रजापति तथा मीडिया प्रभारी उन्मुक्त संभव शील समेत 15 अधिवक्ता मौजूद रहे।

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