Income Tax Raid : कौन सा सामान जब्त कर सकते हैं अधिकारी, कब होती है इनकम टैक्स की रेड, जान लें अपने अधिकार

इनकम टैक्स की रेड देश में कई बार बड़ी बड़ी हस्तियों के ठिकानों पर पड़ चुकी है। लोगों के मन में सवाल यह उठता कि इनकम टैक्स की यह रेड कब डाली जाती है और अफसर कौन सा सामान जब्त कर सकते हैं? रेड के दौरान जिसके यहां रेड मारी जाती है, उसके क्या अधिकार होते हैं। आइये खबर में जानते हैं इन सब सवालों के जवाब।

आपने इनकम टैक्स रेड के बारे में तो सुना ही होगा। इनकम टैक् अधिकारी पूरी टीम के साथ अचानक आ पहुंचते हैं और जांच करने जुट जाते हैं। उस जगह पर पूरा सन्नाटा सा छा जाता है। इसके बाद जब्त किया गया सामान गाड़ियों में लादकर चले जाते हैं।

ऐसे में जिसके ठिकाने पर रेड मारी जाती है, उसके भी कुछ अधिकार होते हैं। नीचे खबर में जान लेते हैं कि कौन सा सामान आयकर छापे में जब्त किया जाता है और क्या अधिकार उसके होते हैं जिसके यहां छापा मारा जाता है।

इस तरह से मारी जाती है रेड- अवैध तरीके से टैक्स बचाने वाले कभी न कभी आयकर विभाग के शिकंजे में फंस ही जाते हैं। टैक्स चोरी या फर्जी तरीके से टैक्स बचाने वालों के यहां आयकर विभाग छापा मारता है। इनकम टैक्स रेड आयकर की धारा-132 के अनुसार अधिकारी किसी व्यक्ति या करदाता के बिजनेस ठिकाने या घर पर छापा मार सकता है।

रेड मारने का नहीं होता कोई फिक्स टाइम- छापा मारने के लिए कोई समय निश्चित नहीं होता। रेड कितनी भी देर तक चल सकती है। टीम वहां पर मौजूद किसी भी शख्स की तलाशी ले सकती है। विभाग की टीम को रेड के दौरान जानकारी जुटाने के लिए वहां के ताले तक तोड़ सकते हैं। टीम की ओर से पुलिस व सुरक्षाकर्मियों की मदद भी ली जाती है।

टैक्स चोरी करने पर भी डाली जाती है रेड- आयकर विभाग, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को टैक्स चोरों के यहां छापा मारने का अधिकार है। टैक्स और सालाना कमाई में अंतर पाने या टैक्स चोरी काला धन जमा करने की सूचना व शक के आधार पर आयकर विभाग की टीम छापा मारती है।

किसी को नहीं लगने दी जाती भनक – इनकम टैक्स की रेड जब भी जहां भी पड़ती है, तो किसी को भनक तक नहीं लगने दी जाती। न तो उसे जिसके यहां छापा मारा जाता है और न ही टीम के सदस्यों को पता होता कि रेड कब और कहां लगेगी। संबंधित व्यक्ति को उसका अंदाजा तक नहीं होने दिया जाता। विभाग इस फॉर्मूले पर चलता है कि उस व्यक्ति को संभलने का कोई मौका न मिले, जिसके यहां रेड की जाती है।

इस समय मारी जाती है रेड- इनकम टैक्स की रेड का कोई समय निर्धारित नहीं होता, लेकिन ज्यादातर मामलों में रेड सुबह सुबह या देर रात मारी जाती है। ताकि आरोपी बचने व संभलने न पाए। छापा मारने वाली टीम के पास घर की तलाशी के लिए वारंट भी होता है। जब छापा मारा जाता है तो आयकर अधिकारियों के साथ पुलिस बल और अर्ध-सैनिक बलों के सैनिक भी हो सकते हैं। रेड के दौरान घर या दफ्तर में मौजूद लोग बिना आयकर अधिकारियों की इजाजत के न तो वहां से बाहर निकल सकते और न ही कोई अंदर आ सकता।

कौन सा सामान कर सकते हैं जब्त- आयकर का छापा किसी दुकान, प्रतिष्ठान या शोरूम में मारा जाए तो वहां बेचने के लिए रखे सामान को टीम की ओर से जब्त नहीं किया जा सकता। यह शोरूम व दुकान मालिक का अधिकार भी होता है कि वह सामान जब्त न करने के लिए कह सकता है। हालांकि टीम  इस सामान को नोट कर सकती है और इस सामान से जुड़े कागजात जब्त किए जा सकते हैं। छापा मारे जाने वाली दुकान या शोरूम से भारी मात्रा में कैश या सोना या अन्य कीमती सामान मिले और सबका पूरा रिकॉर्ड हो और आईटीआर में भरा गया हो तो भी वह सामान टीम जब्त नहीं कर सकती।

रेड के दौरान ये होते हैं व्यक्ति के अधिकार- रेड के दौरान उस व्यक्ति के भी कई अधिकार होते हैं, जिसके यहां छापा मारा जाता है। संबंधित व्यक्ति छापा मारने आए अधिकारियों व टीम से वारंट और पहचान पत्र दिखाने के लिए कह सकते हैं। टीम की सिर्फ महिला कर्मी ही वहां पर मौजूद किसी अन्य महिला की तलाशी ले सकती है। महिला के कपड़ों में कुछ छुपे होने का शक हो तो भी पुरुष कर्मचारी या अधिकारी उसकी तलाशी नहीं ले सकते।

बच्चों को नहीं रोक सकते स्कूल जाने से- इस टीम का कोई भी कर्मचारी रेड के दौरान संबंधित व्यक्ति को खाना खाने या बच्चों को स्कूल जाने से नहीं रोक सकता। हालांकि खाना खाने के लिए परमिशन लेनी पड़ती है। बच्चों के स्कूल बैग चेक किए जा सकते हैं।

कहां जाता है जब्त किया गया है सामान व कैश – छापे के दौरान जब्त किए गए कैश को आयकर विभाग के आयुक्त से जुड़े बैंक खाते में जमा कराया जाता है। छापे में जब्त कैश और अन्य चीजों की जांच भी होती है। इसका पूरा आकलन करके जो टैक्स राशि चुराई या छिपाई गई हो वह काट ली जाती है। बाकी राशि व सामान जिसके यहां छापा लगता है, उसे लौटा दिया जाता है।

ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन

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