कुटीर लघु उद्योग का मिसाल खुखुंन्दू में

कुटीर लघु उद्योग का मिसाल खुखुंन्दू में
     खुखुन्दू ( देवरिया)
 कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से तमाम तरह की योजनाएं चलती हैंl  जानकारियों के अभाव में छोटे छोटे व्यवसाई इसका लाभ नहीं ऊपर उठा पाते हैं, तो अपने मन मस्तिष्क के सहारे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाते हैं। इसी कड़ी में आज स्थानीय थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत खुखुन्दू में विंध्याचल प्रजापति अपने पुश्तैनी व्यवसाय मिट्टी के बर्तन बनाते हैं। मिट्टी के बर्तनों पर पुराने जमाने से नये जमाने का आधुनिक तरीके से चित्रकारी व कलाकारी कर रहे हैं। जिसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। जो देखने के लिए आता है वह निश्चित रूप से इनके कलाओं से मंत्रमुग्ध होकर कोई ना कोई बर्तन खरीद ही लेता है ।
       विंध्याचल प्रजापति बताते हैं कि इस  व्यवसाय से हमें कहीं से कोई अनुदान नहीं मिलता है। हमें जितना जानकारी है उस जानकारी के अनुसार अपना कलाकारी करता हूं। कुछ साल पहले में बैंकों का चक्कर लगाया।  बैंकों से सहायता मिलेगा तो हमारी व्यवसाय और आगे बढ़ेगा। बेरोजगार लड़कों को रोजगार मिलेगा, लेकिन बैंकों के पास पहुंचने के बाद पता चला जितना फायदा नहीं होगा उसे ज्यादा कमीशन देना पड़ेगा। इनके फाइलों का भी हमकोरम पूरा नहीं कर पाये। अगर सरकार या बैंकों का सहयोग मिलता तो हमारे कलाकारी और  मेहनत राष्ट्रीय स्तर पर जाता। लेकिन हमने अपना कलाकारी और व्यवसाय के लिए कहीं किसी का दरवाजा नहीं खटखटाया। श्री प्रजापति ने बताया कि यह व्यवसाय हमारी पुश्तैनी है जो लोगों एक सौ वर्षों से जारी हैl
       आवश्यकता है ऐसे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को इसमें हिस्सा लेना चाहिए। वर्तमान में विंध्याचल प्रजापति जी के पास अनेकों प्रकार के सुराही जिस पर कलाकारी की गई है, गोलक, बढ़ना, लोटा, बट्टा, परई, गिलास, थाली, आटा चक्की आदि दर्जनों प्रकार की मिट्टी के बर्तन आधुनिक चित्रकारी के रूप में मिलते हैं।
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ

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