DELHI:प्रधानमंत्री ने केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों के निदेशकों के साथ बातचीत की
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 8 जुलाई 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र द्वारा वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों के निदेशकों के साथ बातचीत की।
इस बातचीत में 100 से अधिक संस्थानों के प्रमुख प्रधानमंत्री के साथ शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने कोविड से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने की दिशा में इन संस्थानों द्वारा किए गए अनुसंधान एवं विकास कार्यों की सराहना की। उन्होंने त्वरित तकनीकी समाधान प्रदान करने की दिशा में युवा नवप्रवर्तकों के प्रयासों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते परिवेश और उभरती चुनौतियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को अपनाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए संस्थानों को देश और समाज की वर्तमान और भविष्य की ज़रूरतों के अनुसार वैकल्पिक और अभिनव मॉडल विकसित करने और खुद का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। उन्होंने ज़ोर दिया कि हमारे उच्च शिक्षण और तकनीकी संस्थानों को चौथी औद्योगिक क्रांति को ध्यान में रखते हुए हमारे युवाओं को निरंतर व्यवधानों और परिवर्तनों के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने शिक्षा मॉडल की दिशा में प्रगति की आवश्यकता को रेखांकित किया जो लचीला, निर्बाध और शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं के अनुसार सीखने के अवसर प्रदान करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि पहुंच, सामर्थ्य, समानता और गुणवत्ता ऐसे शिक्षा मॉडल के मूल मूल्य होने चाहिए। बातचीत के दौरान, आईआईएससी बैंगलोर के प्रोफेसर गोविंदन रंगराजन, आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर सुभासिस चौधरी, आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर भास्कर राममूर्ति और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अभय करंदीकर ने प्रधान मंत्री को प्रस्तुतियां दीं और विभिन्न चल रही परियोजनाओं, शैक्षणिक कार्यों और देश में नए शोध हो रहे हैं। प्रधानमंत्री को कोविड से संबंधित अनुसंधान के बारे में अवगत कराया गया जिसमें परीक्षण के लिए नई तकनीक विकसित करना, कोविड वैक्सीन विकास प्रयास, स्वदेशी ऑक्सीजन सांद्रता, ऑक्सीजन जनरेटर, कैंसर सेल थेरेपी, मॉड्यूलर अस्पताल, हॉटस्पॉट भविष्यवाणी, वेंटिलेटर उत्पादन शामिल हैं। रोबोटिक्स, ड्रोन, ऑनलाइन शिक्षा, बैटरी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रयास। प्रधान मंत्री को नए शैक्षणिक पाठ्यक्रमों, विशेष रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के बारे में भी बताया गया, जो अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी की बदलती प्रकृति के अनुसार विकसित किए जा रहे हैं।
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !