DCGI डॉ वीजी सोमन के मुताबिक विदेश वैक्सीन की मंजूरी से पहले उसका ब्रिजिंग ट्रायल किया जाता था।
साथ ही उसके डेटा का भी परीक्षण होता था, बाद में उसी के आधार पर वैक्सीन को मंजूरी दी जाती थी, लेकिन अब इस नियम में बदलाव किया जा रहा है। अमेरिक, ब्रिटेन आदि देशों या फिर WHO ने जिस वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दे दी है। उनका दोबारा ट्रायल भारत में नहीं होगा।