Bareilly-श्री गुरू तेग बहादुर साहिब की शहादत पर हुआ महान कवि दरबार*

बरेली सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की पावन शहीदी को मुख्य रखते हुए गुरुद्वारा दूख निवारण संजय नगर में आज एक महान कवि दरबार का आयोजन किया गया

इस कवि दरबार में पंजाब से डॉक्टर हरी सिंह जाचक, रछपाल सिंह पाल, इंजीनियर करमजीत सिंह नूर, बीबी सरबजीत कौर एवं मुस्लिम कवि *जमीर अली जमीर* ने मुख्य रूप से कविताएं गाकर संगत को मुग्ध कर दिया। कवि दरबार रात 11 बजे तक चला। गुरु तेग बहादुर साहब की शहादत के मौके पर इस कवि दरबार का आयोजन गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की प्रबंध समिति ने किया था । कवि हरि सिंह *जाचक* ने कविता:- *लाल गुरु के चौक जो लाल कर गए, कर सके ना माई का लाल कोई, जीते जी था चीरा गया कोई, दित्ता देग में दिया में था उबाल कोई, रुईं लपेट के जला दिया था कोई, गुरु तेग बहादुर पर तेग ने जब वार किया, तीनों लोकों में आया भूचाल कोई, जो कुछ हुआ चांदनी चौक अंदर, नहीं मिलती दुनिया में ऐसी मिसाल कोई।* एवं *जमीर अली जमीर* ने कविता *गुरु तेग बहादुर साहिब के दरबार की शान निराली है। इस दर से खाली हाथ कभी लौटा ना कोई सवाली है* *इंजीनियर करमजीत सिंघ नूर द्वारा गाई कविता:-* *त्याग एवं वैराग के महासागर सौमे नूर के सूरज कुर्बानियों के, सारे दुख ले लिये अपनी जान ऊपर, दुखड़े तोड़ दिए हिंदुस्तानियों के* *रछपाल सिंघ की कविता* *नौंवें गुरू की धरती पर जब आमद हुई, अर्श से भी देवताओं ने खुशबगोई* *महिला कवि बीबी सरबजीत कौर की कविता* *बांह जिसकी पकड़ लेते हैं,अंत तक नहीं है छोड़ते, सिर दे के सत जिसने औरों का बचाया है, नौ निधियां भी आती हैं पीछे उनके, नौवे पातशाह को जिस-जिस ने धियाइआ है।* कवि दरबार की समाप्ति पर गुरू का अटूट लंगर सारी संगत ने ग्रहण किया। संचालन एम.पी. सिंघ ने किया अध्यक्ष कुलदीप सिंघ पन्नू व सचिव अमरजीत सिंघ कालड़ा ने संगत का धन्यवाद किया। इस अवसर पर परमजीत सिंघ, हरनाम सिंघ, मालिक सिंघ कालड़ा, सतनाम सिंघ, राजेन्द्र सिंघ, विक्की बग्गा, मनु बख्शी, महेंद्र सिंघ, जसदीप सिंघ, मनोहर सिंघ, गुरबचन सिंघ, बिजेन्दर सिंघ, कँवलदीप सिंघ, रविंदर सिंघ, हरजीत सिंघ, मनजीत सिंघ नागपाल आदि का सहियोग रहा। *कल (आज) अमृतमयी कीरतन दरबार* *रात 7 बजे से 10.30 बजे तक* *गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब फराशी टोला* में सजेगा जिसमे पंथ प्रसिद्ध रागी भाई सुखप्रीत सिंघ खालसा (अमृतसर साहिब) गिआनी अजीत सिंघ (SGPC के धर्म प्रचारक) एवं नानकमत्ता साहिब के हैड ग्रन्थी गिआनी लखविंदर सिंघ विशेष रूप से संगत को गुरबाणी कीरतन व गुरू इतिहास सुना कर निहाल करेंगे। *मुख्य शहीदी समागम* *8 दिसम्बर को गुरुद्वारा दूख निवारण संजय नगर में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक सजेगा।* *गुरू का लंगर अटूट वरतेगा*

 

 

बरेली से अमरजीत सिंह की रिपोर्ट !

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