Bareilly News : जारी हुआ मुस्लिम एजेंडा मुसलमानों को ‘ट्रिपल टी’ फॉर्मूले पर काम करने के लिए कहा गया

#Aala_Hazrat #Dargah_e_Aala_Hazrat #Maulana_Shahabuddin_Razvi_Bareilly #ट्रिपल_टी_फॉर्मूले

बरेली में जारी हुआ मुस्लिम एजेंडा, मुसलमानों को ‘ट्रिपल टी’ फॉर्मूले पर काम करने के लिए कहा गया.

UP News: उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) में स्थित मशहूर दरगाह आला हजरत (Dargah-e-Aala Hazrat) के तीन दिवसीय उर्स-ए-रजवी के मौके पर उलमाओं ने मुसलमानों के मुद्दों पर ‘मुस्लिम एजेंडा’ जारी किया. इसमें देश भर के समाजिक, धार्मिक और बुद्धिजीवियों ने शिरकत की. उर्से-ए-आला हजरत के मौके पर पहले दिन ‘इस्लामिक रिसर्च सेंटर’ में उलेमाओं की बैठक हुई.

इसकी अध्यक्षता ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी (Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi) ने की. बैठक में अलग-अलग राज्यों से आए हुए उलेमाओं ने मुसलमानों के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की. साथ ही मुसलमानों, सरकारों और अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के कामों का जायजा लेते हुए एक ‘मुस्लिम एजेंडा’ भी तैयार किया गया.

इसके बाद मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुसलमानों को हिदायत की कि शिक्षा, बिजनेस और परिवार पर ध्यान दें और समाज में फैल रही बुराइयों पर रोकथाम करें.

उन्होंने कहा कि ‘ट्रिपल टी’ के फॉर्मूले पर काम करें यानि तालीम, तिजारत और तरबियत. यही कामयाबी का अकेला रास्ता है. लड़कियों के लिए अलग से स्कूल और कॉलेज खोले. इस वक्त भारत की राजनीति बहुत खराब हो चुकी है इसलिए राजनीति में बहुत ज्यादा हिस्सा न लेकर दूरी बनाएं अन्यथा भविष्य में बड़े नुकसान उठाने पड़ेंगे.

होम राज्य उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Aala Hazrat Dargah Urs: बरेली में जारी हुआ मुस्लिम एजेंडा, मुसलमानों को ‘ट्रिपल टी’ फॉर्मूले पर काम करने के लिए

Aala Hazrat Dargah Urs News: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुसलमानों को हिदायत की कि शिक्षा, बिजनेस और परिवार पर ध्यान दें और समाज में फैल रही बुराइयों पर रोकथाम

UP News-U.P.-के-Bareilly में स्थित मशहूर दरगाह आला हजरत (Dargah-e-Aala Hazrat) के तीन दिवसीय उर्स-ए-रजवी के मौके पर उलमाओं ने मुसलमानों के मुद्दों पर ‘मुस्लिम एजेंडा’ जारी किया. इसमें देश भर के समाजिक, धार्मिक और बुद्धिजीवियों ने शिरकत की. उर्से-ए-आला हजरत के मौके पर पहले दिन ‘इस्लामिक रिसर्च सेंटर’ में उलेमाओं की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी (Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi) ने की.

बैठक में अलग-अलग राज्यों से आए हुए उलेमाओं ने मुसलमानों के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की. साथ ही मुसलमानों, सरकारों और अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के कामों का जायजा लेते हुए एक ‘मुस्लिम एजेंडा’ भी तैयार किया गया. इसके बाद मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुसलमानों को हिदायत की कि शिक्षा, बिजनेस और परिवार पर ध्यान दें और समाज में फैल रही बुराइयों पर रोकथाम करें. उन्होंने कहा कि ‘ट्रिपल टी’ के फॉर्मूले पर काम करें यानि तालीम, तिजारत और तरबियत. यही कामयाबी का अकेला रास्ता है. लड़कियों के लिए अलग से स्कूल और कॉलेज खोले. इस वक्त भारत की राजनीति बहुत खराब हो चुकी है इसलिए राजनीति में बहुत ज्यादा हिस्सा न लेकर दूरी बनाएं अन्यथा भविष्य में बड़े नुकसान उठाने पड़ेंगे.

‘मुसलमान हर कुर्बानी देने के लिए तैयार’ मौलाना ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को कड़े शब्दों में कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए मुसलमान हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं, मगर हिंदू और मुस्लिम के दरमियान नफरत फैलाने वाली राजनीति बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. मुसलमानों के साथ नाइंसाफी, जुल्म और ज्यादती को भी ज्यादा दिन तक हम सहन नहीं कर सकते. सरकारों और राजनीतिक पार्टियों को इस पर गंभीरता से काम करना होगा और मुसलमानों के प्रति अपने आचरण में बदलाव लाना होगा. धामी सरकार ने सूफियों के मजार को तोड़ा- रजवी शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘सूफी विचारधारा’ का नारा दिया था. लेकिन, दोनों नारे खोखले साबित हो गए,

न मुसलमानों को साथ लिया गया और न ही सूफी विचारधारा को बढ़ाने का काम किया. दूसरी तरफ केंद्र सरकार में कांग्रेस ने अपने समय कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ाया, यूपी में यही काम समाजवादी पार्टी ने किया. प्रधानमंत्री के दावों की खुद ही उनके लोगों ने हवा निकाल दी कि उत्तराखंड की धामी सरकार ने दो दर्जन से ज्यादा सूफियों के मजार को तोड़ दिया. ‘

पैगंबर-ए-इस्लाम बिल’ संसद में पास किया जाए’ मौलाना बरेलवी ने सरकार और राजनीतिक पार्टियों को चेतावनी देते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘पैगंबर-ए-इस्लाम बिल’ संसद में पास किया जाए, ताकि कोई भी व्यक्ति पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी न कर सके. 2024 के लोकसभा चुनाव में जो पार्टी बिल को पास करने पर सहमति जताएगी, मुसलमान उसी को वोट देगा. मुस्लिम समाज को दी गईं ये हिदायतें

1. पिछले सालों के मुकाबले में 2021-2022 में मुसलमानों की शिक्षा दर कुछ हद तक बढ़ी है. अब गरीब से गरीब मुसलमान भी अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाने का ख्वाहिशमंद होता है, लेकिन ये पेशरफ्त (अग्रसित) बहुत ज्यादा इत्मीनान-बख्श (संतुष्टि) नहीं है, इसलिए मजीद कोशिशें जारी रखी जाएं. 2. मालदार मुसलमान गरीब और कमजोरों के बच्चों की स्कूल की फीस का खर्चा उठाएं ताकि गरीब बच्चे पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खडे़ हो सकें. 3. मदरसों और मस्जिदों में चलने वाले दीनी मकतबों में अरबी, उर्दू के साथ-साथ हिंदी और अंग्रेजी और कंप्यूटर शिक्षा की व्यवस्था करे 4. मां-बाप अपनी जमीन और जायदात में लड़कों के साथ लड़कियों को भी हिस्सा दें. 5. जकात का इजतिमाई निजाम (सामूहिक व्यवस्था) कायम किया जाए. साहिबे निसाब (मालदार इस्लामिक दृष्टिकोण से) मुसलमान अपनी जकात को एक जगह इकट्ठा करें ताकि उसके माध्यम से गरीब, मिसकीन, यतीम और बेसहारा लोगों की मदद की जा सकें.

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स न्यूज़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: