बरेली जजी सभागार में हुआ हिन्दी दिवस कार्यक्रम का भव्य आयोजन

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि हिन्दी दिवस को स मान दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। हमारी भाषा विश्व की सर्वोत्तम, संपूर्ण और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है, उसके प्रति हीन भावना रखना अनुचित है। वरिष्ठ अधिवत्ता सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि जब तक हम गुलामी की प्रतीक अंग्रेजी भाषा के लवादे को नहीं छोड़ेंगे तक तक हिन्दी भाषा का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है।


बरेली। हिन्दी अब केवल हिन्दुस्तान ही में नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों में बोली जाती है। यूं तो विश्व की भाषाओं में अंग्रेजी का वर्चस्व है लेकिन हमारी हिन्दी भाषा के हिन्दी भाषी विश्वभर में मौजूद हैं और सबसे अधिक बोली जाने भाषों में एक है।

यह कहना है तत्कालीन जिला जज राजा राम सरोज का। बीते दिनों जजी सभागार में बार, बैंच और प्रेस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजिन हिन्दी दिवस समारोह में जिला जज ने कहा कि अंग्रेजी में ए फार एपिल से शुरू होकर जेड फार जेबरा तक खत्म होती है, वहीं हमारी हिन्दी भाषा अ से आम से शुरू होकर ज्ञ से ज्ञान तक पहुंचती है। इस मौके पर जिला जज ने सभागार में मौजूद अधिवत्ताओं से हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए सभी वादपत्र भी हिन्दी में ही दाखिल करने का आह्वान किया।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि हिन्दी दिवस को स मान दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। हमारी भाषा विश्व की सर्वोत्तम, संपूर्ण और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है, उसके प्रति हीन भावना रखना अनुचित है। वरिष्ठ अधिवत्ता सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि जब तक हम गुलामी की प्रतीक अंग्रेजी भाषा के लवादे को नहीं छोड़ेंगे तक तक हिन्दी भाषा का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। वरिष्ठ अधिवक्ता राधा कमल सारस्वत ने कहा कि भाषा भाव को व्यक्त करने का माध्यम है, विज्ञान, बाजार, राज और रोजगार की भाषा का स्थान जब तक हिन्दी को नहीं मिल जाता तब तक विकास संभव नहीं है।

उपजा प्रेस क्लब के अध्यक्ष पवन सक्सेना ने कहा कि जब तक हिन्दी को रोजगार की भाषा नहीं बनाया जाएगा तब तक  उसका जन जन तक पहुंचना मुश्किल है। एक न्यूज चैनल से जुड़े राज यादव ने कहा कि हिन्दी ने प्रत्येक भाषा के शब्दों को आत्मसात किया है और हिन्दी भाषी किसी भी भाषा में सुगमता से अपने भाव व्यक्त कर सकते हैं। जबकि अन्य भाषाओं के बोलने वाले अपने अल्प ज्ञान की वजह से हिन्दी बोलने में असमर्थ हैं।

वरिष्ठ पत्रकार डा. अशोक वैश्य ने विश्व के परिपेक्ष्य में हिन्दी भाषा के स मानपूर्वक स्थान को बताते हुए सभी से हिन्दी की सेवा करने का आह्वान किया। कवि कमल सक्सेना ने अपनी काव्यमयी शैली में पढ़ा..मेरा देश अपनों से ही छला गया..। रमेश गौतम ने कुछ इस अंदाज में कहा ..अमृतमयी हिन्दी तुझे शत-शत नमन। डा. मुरारी लाल सारस्वत ने हिन्दी की परिभाषा विभिन्न भाषाओं में देकर बेहतरीन प्रतुति की।

इस मौके पर अपर जिला जज राघवेंद्र जी, रविनाथ जी, पंकज मिश्रा, सरला गुप्ता, सरबर अली, अरुण पाठक, सुरेंद्र मोहन यादव, कीर्ति श्रीवास्तव, रमेश दुबे, बृजेश त्रिपाठी, सीजेएम कुसुम लता राठौर, एसीजेएम अखिलेश  मिश्रा, सुशील कुमार, अफसर राना, अंजनि कुमार, सुभी गुप्ता, अमित यादव, सिविल जज शक्ति सिंह, अरविंद शुक्ला, अमित कुमार, कल्पराज सिंह, मंसिफ शहर आदि न्यायाधीशों के अलावा अधिवक्ता शौकत अली खान, सुनील मिश्रा, नीरू शर्मा, डा. वैभव शर्मा, भूपेंद्र भड़ाना एडवोकेट, योगेश गिरी गोस्वामी, शीलम कन्नौजिया एडवोकेट आदि मौजूद रहे जबकि पत्रकारों में यूपी जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव शर्मा गंभीर, वीरेंद्र अटल, निर्भय सक्सेना, ओमकार सिंह रघुवंशी, नरेश पाल सिंह, नाहर खान, अजय मिश्रा, संजीव अरोड़ा समेत तमाम मीडिय कर्मी मौजूद रहे। संचालन एडीजे तृतीय पंकज मिश्रा ने बड़े ही मनोरम तरीके से किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: