बेटे की लाश को भटकता रहा पिता
बदायू के थाना उघेती के ग्राम बाल किशुन पुर निवासी धर्मपाल के बेटे दीनदयाल 10 बर्षीय को बुखार आया था 5 तारीख को धर्मपाल यादव अपने बेटे को लेकर बदायूं के जिला अस्पताल पहुचा बहा डॉक्टरों ने बरेली को रेफर कर दिया बरेली के जिला अस्पताल में बच्चा बार्ड में भर्ती कर दिया डॉक्टर ने कहा इसकी हालात खराब है
लखनऊ को रेफर किया जायेगा नर्स ने मांगे 500 रुपये धर्मपाल ने मना कर दिया कहा में गरीब हु कहा से दू 500 रुपये मरीज को रेफर करने के बाद 5 घंटे तक नही मिली एम्बुलेंस बच्चे ने तड़फ तड़फ कर प्राण त्याग दिए जब लाश मांगी धर्मपाल ने तो कह दिया डॉक्टर ने 10 हजार दो तभी लाश मिलेगी गरीब धर्मपाल रोता रहा डॉक्टर के पैर पकड़े डॉक्टर ने बच्चे की लाश नही दी लाश को मोर्चरी में रख दिया.
म्रतक दीनदयाल का पिता लाश को छोड़कर लखनऊ मुख्यमंत्री के दरबार पहुचा बहा से आश्वाशन मिला और बापस बरेली आ गया कोतवाल ने धर्मपाल से सम्पर्क किया शाम को धर्मपाल ने डॉक्टर नर्स के खिलाफ तहरीर दी पुलिस ने मुकदमा लिखने को कह दिया लेकिन बड़े बड़े नेता या अधिकारियों के रिस्तेदारो का पोस्टमार्टम होता है तो रात में ही कर दिया जाता है लेकिन गरीब को तीन दिन बाद भी बेटे की लश समय से नही मिली 7 तारीख को पोस्टमार्टम हाउस पर 3 बजे तक बेटे की लाश मिलने का इंतजार करता रहा